रंग केसरिया
रंग केसरिया लगा के तन पर,
तिरंगा हर घर लहराएँगे।
आजादी के दीवानों की,
गाथा मिलकर गाएँगे।।
जान लुटा दी वतन पे जिसने,
हम उनको शीश झुकाएँगे।
भारत के वीर जवानों का,
हम कर्ज चुका ना पाएँगे।।
ना हम भूले हैं ना भूलेंगे,
इतिहास वही दोहराएँगे।
छेड़ेगा जो भारत माँ को,
उसका चीर कलेजा लाएँगे।।
आजाद, भगत और सुभाष,
हम फिर से बन जाएँगे।
भारत की लाज बचाने को,
हम अपना रक्त बहाएँगे।।
लक्ष्मी, दुर्गा, चेन्नम्मा बन,
हम अश्व सवारी आएँगे।
हम कोमल हैं कमजोर नहीं,
ये शत्रु को दिखलाएँगे।।
आजादी का पर्व ये पावन,
मिल कर के हम मनाएँगे।
करके समर्पित तन-मन अपना,
भारत को खुशहाल बनाएँगे।।
रचनाकार
सपना,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय उजीतीपुर,
विकास खण्ड-भाग्यनगर,
जनपद-औरैया।
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