स्कूल हमें सजाना है

स्कूल हमें जाना है...
 स्कूल हमें सजाना है ...

दोपहर में मिलता खाना है...
ये बातें सबको बताना है...

स्कूल में सोम को फल खाते..
स्कूल में बुध को दूध पीते...

शरीर खेल से मजबूत बनाना है...
ये बातें सब को बताना है...

स्कूल हमें जाना है...
स्कूल हमें सजाना है...

हमें हर बच्चे को पढ़ाना है...
हमें अब गाँवों को आगे बढ़ाना है...

पढ-लिखकर ही साहब बनते...
राज ये सबको बताना है ...

स्कूल हमें जाना है...
स्कूल हमें सजाना है...

रचयिता
संजय यादव,
इं०मी०प्रा०स्कूल लालई,
विकास खण्ड-खैरगढ़,
जनपद-फिरोजाबाद।

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