नमन तुम्हें हे वीरपुत्र

है नमन तुम्हें हे वीरपुत्र है नमन तुम्हें ऐ नभदूतों
तुमने गर्वित होकर कैसे दुश्मन का संहार किया
हर भारत के जन गण मन में शक्ति का संचार किया।।
हम धैर्यशील वो भारत हैं जिसने कभी न पहले युद्ध किया
लेकिन उसकी आँखें फोड़ी जिसने हमको क्रुद्ध किया
हम बुद्ध का दर्शन लेकर गांधी के रास्ते चलते हैं
पर जिसने हमको ललकारा फन उसका हम ही नथते हैं
है नमन तुम्हें अजित डोभाल पथ ऐसा जिसने तैयार किया
तुमने गर्वित होकर कैसे.....
हम सहनशील हैं मरु जैसे सबको पहले समझाते हैं
99 गालियों तक समझाकर सुदर्शन को चलाते हैं
हम त्यागी हैं गौतम जैसे हम कर्ण और शिवि से दानी हैं
हम अपनी नदियों से भी देते अपने शत्रु को पानी हैं
हमने ही सिंहों के दंत गिने वो भरत वीर तैयार किया
तुमने गर्वित होकर

रचयिता
विशाल रस्तोगी,
प्राथमिक विद्यालय तपरहा बाबा, 
विकास खण्ड-रेउसा,
जनपद-सीतापुर।

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