मस्त रहें, व्यस्त रहें, चिंता मुक्त रहें

#मस्त_रहें_व्यस्त_रहें_चिन्ता_मुक्त_रहें।

अन्य समूहों में कौन क्या कर रहा है? उससे अच्छा अपने विचारों और कार्यों को मूर्ति रूप देकर सतत आगे बढ़ते रहना। आप सभी की स्पष्ट विचारधारा है। #व्यक्तिगत_से_बेसिक_शिक्षा_की_ओर इसके लिए किसी भी व्यक्ति को बहुत कुछ छोड़ना पड़ता है। इसमें बेसिक शिक्षा के लिए काम पहले है और स्वयं के लिए उम्मीदें बाद में अथवा बहुत न्यूनतम है। तभी परहित सम्भव है।

अन्य जो भी आज नकल के रूप में काम शुरू कर रहा है वह #बेसिक_शिक्षा_से_व्यक्तिगत_के_लिए जहाँ उनकी स्वयं के लिए उम्मीदें पहले हैं काम बाद में।

यही मूल अन्तर है जो आप सभी और मिशन शिक्षण संवाद को अन्य से हमेशा अलग रखेगा।

यदि अन्य साथी और समूह भी यह अंतर खत्म करते है और परहित के रास्ते पर चलते हैं। तो हम सभी का ही उद्देश्य "शिक्षा का उत्थान और शिक्षक का सम्मान" पूरा होगा। जिसके लिए काम शुरू किया गया था। भले ही नाम अलग-अलग ही क्यों न हों।

यह आप सभी के लिए गर्व और गौरव की बात है कि आप की विचारधारा मजबूत हो रही है जिसका स्पष्ट प्रमाण है कि लोग उसकी नकल कर रहे हैं।

इसलिए किसी तरह की चिंता न करें, मस्त रहें, व्यस्त रहें, अपने स्वाभिमान और सम्मान के साथ स्वतंत्र रहें।

*चाह गयी, चिंता गयी, मनुआ बेपरवाह।*
*जाको कछु न चाहिए, वह ही शहंशाह।।*

*मिशन शिक्षण संवाद शहंशाह बनने और बनाने में विश्वास करता है न कि स्वार्थी*

इसलिए जो भी स्वैच्छिक स्वयंसेवी के रूप में अपने स्वाभिमान और सम्मान के साथ शहंशाह बन कर रहना चाहेगा वह मिशन शिक्षण संवाद में शहंशाह बन कर रहेगा। जिसे मात्र अपने तक, अपने लिए कुछ हासिल करना होगा। वह दर-दर की आवाज लगाएगा।

जय हिन्द, जय शिक्षक
जय शिक्षक स्वाभिमान
🙏🙏🙏🙏🙏🙏

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