२७२~ रमेश चन्द्र जोशी (सत्यम जोशी) रा० प्रा० वि० जारा धारचूला, पिथौरागढ, उत्तराखंड

🏅अनमोल रत्न🏅
मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से हर असम्भव को सम्भव बनाने वाले बहुमुखी प्रतिभा के धनी अनमोल रत्न शिक्षक साथी आदरणीय रमेश चन्द्र जोशी जी से करा रहे हैं। जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और व्यवहार कुशलता से परिपूर्ण प्रतिभा द्वारा वह प्रत्येक कार्य विद्यालय पर कर दिखाया जो हम जैसे हजारों शिक्षक साथियों के लिए कल्पना लोक का प्रत्यक्षीकरण कराने जैसा अनुभव और ज्ञान प्रदान करता है। जो हम सबके लिए अनुकरणीय एवं प्रेरक है।
 
आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये प्रेरक और अनुकरणीय प्रयासों को:-

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मैं रमेश चन्द्र जोशी (सत्यम जोशी) वर्ष-2013 में रा० प्रा० वि० जारा धारचूला, पिथौरागढ, उत्तराखंड में नियुक्त हुआ। जारा गाँव मुख्य सडक से 12 km की दूरी पर अतिदुर्गम, पिछड़े क्षेत्र में स्थित विद्यालय है। इन 5 वर्षो की अल्प विभागीय सेवा में मेरें द्वारा निम्न शैक्षिक प्रयास किये गये।

👉1- सर्व प्रथम बच्चों को पॉलीथीन में कॉपी किताब लाता देख अपने गृहक्षेत्र से व्यक्तिगत प्रयासों से सभी बच्चों के लिए बस्तों की व्यवस्था की।
👉2- नवाचार के रूप में बाल अखबार "जारा टाईम्स" हस्तलिखित बनवाया।

👉3- विद्यालय की दीवारों पर व्यक्तिगत खर्च से स्वयं चित्रकारी की, राष्ट्रीय प्रतीक, मां सरस्वती का चित्र, राष्ट्रीय आयोजनों को धूमधाम से मनाया ताकि अभिभावकों की विद्यालय से अपनत्व की भावना जगे।
👉4- एक विकलांग बच्ची का विशेष ध्यान रखा जो बोल नहीं पाती थी, उसके बाल काटने, उसके लिए कपडों की व्यवस्था की, आज वह बोल पाती है लिख पाती है।
👉5- वर्ष 2014-15 में एक बच्चे रोहित सिंह का चयन जवाहर नवोदय में हुआ।
👉6- विद्यालय की बंजर और सूखे वीरान आंगन में फूलों की क्यारी विकसित की, जो कि असम्भव प्रतीत होता था, शाम को भी अतिरिक्त समय में बच्चों को निशुल्क पढाया जाता है। हाईस्कूल जारा में शिक्षक न होने के कारण गणित विज्ञान की कक्षाएं विदयालय समय से पहले संचालित की।
👉7- वर्ष 2015-16 में दिल्ली की कम्पनी दि ओरेन्टियल इन्श्योरेन्स लि० से सम्पर्क स्थापित कर, प्रोजेक्टर, कम्प्युटर, 21जोडी टेबल बेंच व्यक्तिगत प्रयासों से प्राप्त किए, साथ ही श्री हरीश धामी जी विधायक धारचूला तत्कालीन अध्यक्ष वन विकास निगम द्वारा 20,000₹ की पुरस्कार राशि तुरन्त प्रदान की गई। जिससे बैण्ड वादय यन्त्र, खेल सीमग्री और वर्क शीटस तैयार की गई, 500 वर्क शीट्स और 1000 एजूकेशनल विडियो का संकलन रखा है जो कक्षा शिक्षण में प्रयोग की जाती हैं। कक्षा 3,4,5 की हिन्दी कविताओं को संगीतबद्ध कर बच्चों संग अभ्यास कार्य कर रोचकता लाना।
👉8- हारमोनियम और वाद्य यन्त्रों के साथ प्रार्थना सभा रोचक बनाने का प्रयास किया साथ ही हस्तलिखित बालपत्रिका "बालमन" हर वर्ष विद्यालय में बनती है।
👉9- पुन: ओरिन्टियल कम्पनी द्वारा जूते, बैग स्वेटर, वाटर बोतल, कॉपियां, कलर, ज्यामिती बॉक्स व्यक्तिगत प्रयासों से प्राप्त किए, सामुदायिक सहयोग को बढाने के लिए अभिभावकों को प्रेरित किया।
👉10- विद्यालय में बच्चों की सदन वार कलर ड्रैस बनवाई तथा विद्यालय की सुरक्षा की जिम्मेदारी के लिए अभिभावकों को प्रेरित किया।
👉11- सामाजिक जागरण के लिए घर-घर भजन कार्यक्रम आयोजित किए। समय की उपलब्धतानुसार वैवाहिक आयोजन में विशेष थाना बनाना, बच्चों के जन्मदिन के आयोजन में सजावट अपना जन्म दिन स्कूली बच्चों के साथ मनाया, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में स्वयं भी प्रस्तुतियॉ दी ताकि बच्चों का मनोबल बढ सके।
👉12-बच्चों को मुखौटे, कठपुतली, क्राफ्ट बनाना सिखाया जाता है। हर साल विद्यालय के प्रयास को देखते हुए सर्व शिक्षा अभियान पिथौरागढ की सहायता से बालमन हस्तलिखित पत्रिका 1 की 300 प्रतियां बनवाई जिसमें 6000 की धनराशि स्वयं खर्च की। पिछले वर्ष 14 नवम्बर को बच्चों का बाल मेला लगाया बड़ा ही सुन्दर कार्यक्रम रहा, बच्चों की दुकानें सजी हुई और हिसाब-किताब का खेल भी सम्पन्न हुआ।
👉13- स्कूल टिवीनिंग कार्यक्रम में बच्चों को मदकोट सहित अन्य विद्यालयों में अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिला जहां से छात्र मनोज सिंह का चयन "लाल बुरांश" कुमाऊँनी एल्बम में अभिनय के लिए हुआ। विडियो बन चुका है लाल बुरांश (देबू लड़का)।
👉14- सेवित क्षेत्र में निर्माण कार्य करवा रहे ठेकेदारों, समाजसेवियों व जनप्रतिनिधियों से सहयोग लेकर समय-समय पर मध्यान्ह भोजन में विशेष भोज आयोजित किए जाते हैं।
👉15- विदयालय में 200 पौधों की छोटी नर्सरी विकसित की गई है जिसमें कचनार (कोईराल ) के पौधे हर वर्ष विकसित होते हैं। राज्य स्थापना दिवस पर घर-घर बाखलियों में जाकर परम्परागत मापन के बर्तन, नाली, माणा, ख्वाग, हल, मूसल, पाली, ठेका आदि का परिचय कराया।
👉16- व्यक्तिगत खर्चे पर पिकनिक हेतु बच्चों को समय-समय पर ले जाया जाता है।
👉17- आपदा से जुलाई-2018 में पेयजल लाईन पूरी तरह से क्षति ग्रस्त हो गई थी जिसे ग्रामीणों ने सामुदायिक सहभागिता के तहत प्रेरित करने पर विदयालय तक जल व्यवस्था सुचारू की।
👉18- सामाजिक कार्य के तहत वर्ष-2006 से अद्यतन प्रत्येक वर्ष रामलीला डीडीहाट में कलाकार (विश्वामित्र, बाली, अंगद, मकरध्वज, मेघनाद के रूप में) एवं मेकअप कर्ता, मंच सज्जा का कार्य मेरे द्वारा किया जाता है। रामलीला डीडीहाट की स्मारिका में संकलन एवं लेखन कार्य। साथ ही नन्दा महोत्सव डीडीहाट में कुमाँऊनी ऐपण प्रतियोगिता का स्वनिर्मित संचालन किया जाता है।
👉19- सामाजिक कार्यों में किये जाने योगदान हेतु मुझे सोर डीडीहाट फाउन्डेशन मुम्बई तथा नन्दा महोत्सव कमेटी द्वारा सम्मानित किया गया है। पर्यावरण महोत्सव 5-जून को दराती मुन्स्यारी में बच्चों की प्रतियोगिता संचालन का अवसर आयोजन समिति ने दिया।
👉20- हाल में लोकप्रिय कुमाँऊनी विद्यालयी प्रार्थना दान होये माँ सरस्वती--- को मैंने ही लिखा था। यह प्रार्थना उत्तराखण्ड में बहुत हिट हो गयी तथा उत्तराखण्ड के समस्त विद्यालयों में गायी जाने लगी है।






*संकलन व प्रस्तुति के लिये मिशन की ओर से -लक्ष्मण सिंह मेहता राज्य संयोजक मिशन शिक्षण संवाद उत्तराखण्ड का हार्दिक आभार।*

नोट: आप अपने मिशन परिवार में शामिल होने, आदर्श विद्यालय का विवरण भेजने तथा सहयोग व सुझाव को अपने जनपद सहयोगियों को अथवा मिशन शिक्षण संवाद के वाट्सअप नम्बर-9458278429 और ई-मेल shikshansamvad@gmail.com पर भेज सकते हैं।

निवेदक: विमल कुमार
मिशन शिक्षण संवाद
07-11-2018

Comments

  1. Splendid efforts.....and many congratulations to Mr.Ramesh Joshi..

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