शिक्षक का सम्मान करते हैं

हम शिक्षक हैं शिक्षक का सम्मान करते हैं।
सच्चे मन से हम सबका अभिनन्दन करते हैं।
निष्ठा प्रतिनिष्ठा से किये गये कार्यों की सराहना करते हैं,
शैक्षिक विचारों को आपस में निःस्वार्थ भाव से शेयर करते हैं।
शिक्षण प्रक्रिया को रोचक बना कर नये-नये
नवाचारों का प्रयोग करते हैं।
नवीन शैक्षिक गतिविधियों से बच्चों का मार्गदर्शन करते हैं।
प्रेम से मन को संचित करके
ज्ञान की ज्योति को जलाते हैं।
सब कहते हैं कि मंदिर में भगवान रहते हैं।
मै सच्चे मन से कहती हूँ इन भोले-भाले
बच्चों में मुझ्को भगवान दिखते हैं।
हम शिक्षक हैं शिक्षक का सम्मान करते हैं।
सच्चे मन से हम सबका अभिनन्दन करते हैं।।

रचयिता
सुमन कुशवाहा,
प्रधानाध्यापक,                  
प्राथमिक विद्यालय भगवानपुर,
विकास खण्ड-नेवादा,
जनपद-कौशाम्बी।

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