सोचता हूँ कि कुछ नया करूँ

सोचता हूँ कि  कुछ नया करूँ।
अपने परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को नया अधिगम प्रदान करूँ।
सोचता हूँ  कि कुछ नया करूँ।।

समय का उपयोग कर बच्चों को ज्ञान प्रदान करूँ।
नित्य प्रातः उठकर माता-पिता एवं बड़ों से अभिवादन का संस्कार भरूँ।
सोचता हूँ  कि कुछ नया करूँ।।

प्रतिदिन समय से शौच क्रिया और शौचालय का लाभ समझाकर, प्रतिदिन दाँत साफ करने के प्रति जागरूक करूँ।
सोचता हूँ कि कुछ नया करूँ।।

प्रार्थना सभा में व्यायाम एवं योग कराकर बच्चों को निरोग करूँ।
बालकेन्द्रित शिक्षा एवं टी.एल.एम. का खूब उपयोग करूँ।
सोचता हूँ  कि कुछ नया करूँ।।

मिशन शिक्षण संवाद की अनमोल जानकारियों एवं गतिविधियों का विद्यालय में उपयोग करूँ।
सोचता हूँ कि कुछ नया करूँ।।

विद्यालय को फूलों और हरियाली से सजाकर स्वच्छ-सुन्दर विद्यालय का सपना साकार करूँ।
सोचता हूँ  कि कुछ नया करूँ।।

मिड डे मील की  उपयोगिता, पर्यावरण सुरक्षा, जल के बचाव के प्रति बच्चों को जागरूक करूँ।
सोचता हूँ कि कुछ नया करूँ।।

प्रत्येक शनिवार को नो बैग डे पर सुन्दर क्राफ्ट कार्य एवं ज्ञानवर्धक बालसभा का  सफल आयोजन  करूँ।
सोचता हूँ कि कुछ नया करूँ।।

प्रतिदिन विद्यालय बंद होने से पहले बच्चों को प्रार्थना कराकर के ही विद्यालय बंद करूँ।
सोचता हूँ कि कुछ नया करूँ।
सोचता हूँ कि कुछ नया करूँ।।

रचयिता
अजय कुमार श्रीवास्तव,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय टेवाँ प्रथम,
विकास खण्ड-मंझनपुर, 
जनपद-कौशाम्बी।।

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