पृथ्वी

सभी ग्रहों में यही है ग्रह।
जहाँ जन्म लेता इंसान ।
ऐसी धरती माता अपनी।
हम इसकी प्यारी संतान।

इसने हमको अन्न दिया।
दिया नीर पीने को।
फल-फूल और जीव दिया।
हवा दिया जीने को।

मानव का इतिहास जहाँ पर।
जिसको पढ़ता है संसार।
आधारित गाथाएँ वीरों पर।
जिसे सुना करता संसार।

जैसे-जैसे युग बदला है।
बदल गया मानव का रूप।
दिखता अद्भुत परिवर्तन है।
बढ़ता विज्ञान का प्रकोप।

सबको यह समझाना होगा।
धरा को हमको बचाना होगा।
अभियान मिलकर चलाना होगा।
जन-जन संदेश पहुँचाना होगा।

रचयिता
हरीओम सिंह,
प्रधानाध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय पेरई,
विकास खण्ड-नेवादा,
जनपद-कौशाम्बी।

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