बाल दिवस

चाचा की याद दिलाने वाला
दिवस ये देखो आया है
बच्चों के मन में खुशियों की
लहर ये देखो लाया है

चाचा ने प्रेम किया बच्चों से
बच्चों को भविष्य बताया है
बच्चा-बच्चा पढ़ा लिखा हो
अलख यह ऐसा जगाया है

बच्चे हैं ईश्वर का रुप
आपने ही यह बतलाया है
संसार रूपी उपवन में
बच्चों को फूल बताया है

आपका सपना था कि हम
बच्चे सारे खूब पढ़ें
पढ़ लिखकर दुनिया में
अपनी अलग पहचान करें

गाँव-गाँव स्कूल खुलें
हमें साक्षर बनाने को
देश ने हमको अवसर दिया
कुछ अलग कर दिखलाने को

चूक न होगी हमसे कोई
बात ये हमने ठानी है
विश्व शिखर पर भारत की
पहचान बनाने की तैयारी है।

रचयिता
वंदना प्रसाद,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय कैली,
विकास खण्ड-चहनियां,
जनपद-चंदौली(उत्तर प्रदेश )

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