दीवाली

दीवाली का त्यौहार,
खुशियों की बौछार।
उमंगें भरी बहार,
एक दूजे से प्यार।

दीप सजे थाली में,
घर सजे रंगोली से।
मिठाई बाँटें दोस्तों में,
दुलार मिले बड़ो से।

सफाई करें कोना -कोना,
घर चमके जैसे सोना।
मन को भी साफ करें,
हर किसी को माफ करें।

रोशनी का त्यौहार,
दीपों की कतार।
घर-घर मे पले,
बड़ों का दुलार।

इस दीवाली कुछ ऐसा करें,
प्रदूषण मुक्त माहौल बनायें।
गरीबों के घर रोशन करें,
मिलकर खुशियाँ मनायें।

पटाखे न हाथ लगायें,
मिट्टी के दीप जलायें।
देश प्रदूषण से बचायें,
सभी अपना धर्म निभायें।

घर-घर बाँटें मिठाई,
लक्ष्मी माँ की कृपा रहे।
भूलें सभी की बुराई,
दिलो में प्यार रहे।

दीयों की रोशनी की तरह,
सुख समृद्धि जीवन मे आये।
आप सभी को मुबारक हो,
दीवाली की शुभकामनाएँ।

रचयिता
रीना सैनी,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय गिदहा,
विकास खण्ड-सदर,
जनपद -महाराजगंज।

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