21/2025, बाल कहानी- 10 फरवरी
बाल कहानी - लापरवाही की सजा
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रोहन और रीना शहर में रहते थे। रोहन प्राइवेट जॉब करता था और रीना घर का काम सँभालती थी। उनकी एक बेटी थी, जिसका नाम सुहानी था। सुहानी कक्षा आठ में पढ़ती थी। रोहन के माता-पिता भी उनके साथ ही रहते थे।
सुहानी दादा-दादी की लाड़ली थी। सभी उसे बहुत प्यार करते थे। सुहानी की मम्मी रीना दिन-भर काम में व्यस्त रहती थी। सुबह के समय उन्हें अपना काम और जल्दी से करना होता था क्योंकि इस समय सुहानी स्कूल जाती और पति को ऑफिस जाना होता था।
वे जल्दी-जल्दी सबके लिए सुबह का नाश्ता बनाती हैं और फिर उसके बाद सुहानी और रोहन के लिए टिफिन तैयार करती थीं।
सुहानी जब स्कूल से आ जाती तो अपनी चीजों को यहाँ-वहाँ रख देती थी, जिस पर उसकी माँ उसे बहुत समझाती कि, "तुम अब बड़ी हो गयी हो। अपनी सभी चीजों को सही जगह पर रखा करो, जिससे वे समय पर मिल जाएँ।" पर सुहानी उनकी एक न सुनती।
दादी भी उसकी 'हाँ' में 'हाँ' मिला देती थीं। रीना उसकी किताबें, ड्रेस और बैग सब कुछ उठाकर सही जगह पर रखती थी।
समय बीतता गया। सुहानी अब दसवीं में आ गयी, लेकिन उसकी आदतें बिल्कुल भी न बदलीं।
एक दिन की बात है। स्कूल से आकर सुहानी ने अपना समान इधर-उधर बिखेर रखा था
और अनजाने में जैसे ही उसने आगे कदम बढ़ाया। गलती से उनका पैर बिखरी हुई चीजों पर पड़ गया और वह गिर पड़ी, जिसके कारण उनके पैर में बहुत चोट आ गयी। यह देखकर उसकी माँ बहुत घबरा गयी। उन्होंने रोहन को फोन किया। रोहन तुरन्त ऑफिस से आकर सुहानी को डॉक्टर के यहाँ ले गया, जहाँ पर पता चला कि उनके पैर में फैक्चर हो गया है। डॉक्टर ने सुहानी को एक महीने तक आराम करने की सलाह दी है। अब तो बहुत मुश्किल हो गयी क्योंकि अगले ही हफ्ते सुहानी की वार्षिक परीक्षाएँ थीं।
अपनी चोट के कारण सुहानी हाई स्कूल के पेपर नहीं दे सकी और उसे बहुत ही पश्चाताप हुआ। वह सोचने लगी कि, "मैंने मम्मी की बात मानी होती और अपनी चीजों को सही जगह पर रखा होता तो आज यह घटना न घटती।" उसने अपने माता-पिता से वादा किया कि, "वह आगे से गलती कभी नहीं करेगी।" कहकर वह रोने लगी। सुहानी के माता-पिता ने उसे समझाया कि, "हमें अपना सामान सही जगह पर रखना चाहिए। लापरवाही नहीं करनी चाहिए और अपनों से बड़ों की बात भी माननी चाहिए।"
#संस्कार_सन्देश-
हमें अपने सारे काम स्वयं करके चीजों को सही जगह पर रखना चाहिए। साथ ही साथ अपने से बड़ों का कहना भी मानना चाहिए।
कहानीकार-
#मृदुला_वर्मा (स०अ०)
प्रा० वि० अमरौधा प्रथम
अमरौधा (कानपुर देहात)
कहानी वाचन-
#नीलम_भदौरिया
जनपद- फतेहपुर (उ०प्र०)
✏️संकलन
📝टीम #मिशन_शिक्षण_संवाद
#दैनिक_नैतिक_प्रभात
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