26/2025, बाल कहानी- 17 फरवरी


बाल कहानी - सोनू और बिल्ली
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एक छोटा लडका था। उसका नाम सोनू था। सोनू की एक छोटी सी बिल्ली थी। सोनू अपनी बिल्ली से बहुत प्यार करता था। वे दोनों दोस्त की तरह रहते थे। वे दोनों एक-दूसरे के बिना नहीं रह पाते थे।
एक दिन सोनू ने बिल्ली से कहा, "मुझे मामा के घर जाना है।" बिल्ली उदास हो गई। बिल्ली ने कहा, "मामाजी के घर जाना जरूरी है?" सोनू ने 'हाँ' कहा। 
सोनू मामा के घर चला गया। मामा के घर में उसे बहुत अच्छा लगा, लेकिन उसे बिल्ली की याद आती थी। बिल्ली भी सोनू को बहुत याद करती थी।
कुछ दिनों बाद सोनू ने अपने मामा से कहा, "मामा जी! मुझे अब अपने घर जाना है। मुझे अपनी बिल्ली की याद आ रही है।" तब सोनू के मामा ने कहा, "अगली बार जब आओ, तब अपनी बिल्ली को भी साथ लेकर आना और अपनी बिल्ली के लिए यहाँ से दूध लेकर जाना।" 
अगले दिन सोनू अपने घर को गया। बिल्ली सोनू को देखकर बहुत खुश हुई। सोनू ने कहा, "मामा ने तुम्हारे लिए दूध भेजा है और अगली बार मामा के घर तुम और मैं दोनों जायेंगे।" ऐसा सुनकर बिल्ली बहुत खुश हो गई और सोनू की गोद में बैठ गयी। पालतू पशुओं में भी अपने मालिकों के प्रति असीम प्यार और भावनात्मक समर्थन प्रदान करने की अनोखी क्षमता होती है।

#संस्कार_सन्देश - 
हमारे पालतू पशु हमें एक करीबी दोस्त की तरह आराम प्रदान करते हैं ।

कहानीकार-
#दमयन्ता_राणा (स०अ०)
रा० उ० प्रा० वि० ईड़ा-बधाणी
कर्णप्रयाग, चमोली (उत्तराखण्ड)

कहानी वाचन-
#नीलम_भदौरिया 
जनपद-फतेहपुर (उ०प्र०)

✏️संकलन
📝टीम #मिशन_शिक्षण_संवाद 
#दैनिक_नैतिक_प्रभात

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