30/2025, बाल कहानी- 21 फरवरी


बाल कहानी- टिंकू और मिंकू
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एक बार की बात है, सोनपुर नाम के पास एक हरा-भरा जंगल था। जंगल अपनी सुन्दरता के कारण बहुत प्रसिद्ध था। यहाँ की लकड़ियाँ बहुत कीमती थीं। सभी जानवर यहाँ बहुत खुशहाल रहते थे। इस जंगल में टिंकू और मिंकू नाम के दो खरगोश भी रहते थे। दोनों में गहरी मित्रता थी।
एक बार शेर ने जंगल में जानवरों की सभा बुलाई। सभा में मन्त्री चुनने की घोषणा की। जंगल के सारे ही जानवरों ने मन्त्री बनने की इच्छा जताई। सोनू हाथी ने कहा-, "मैं बहुत बड़ा हूँ और ज्यादा ताकतवर भी, इसलिए मुझे मन्त्री बनना चाहिए।" लोमड़ी ने कहा," मैं बहुत चालाक हूँ, इसलिए मुझे मन्त्री बनना चाहिए।" बन्दर, भालू और हिरन ने भी मन्त्री बनने की इच्छा जताई। टिंकू और मिंकू ने भी बड़े उत्साह से कहा-, "हम दोनों भी मन्त्री बनना चाहते है।" सारे जानवर टिंकू और मिंकू की बात पर हँसने लगे-, "हा.. हा.. हा, इतने छोटे जानवर भी मन्त्री पद के दावेदार हैं!"
शेर ने सबको खामोश कराया, फिर दोनों से पूछा-, "अच्छा! बताओ, तुम दोनों मेरे लिए क्या काम कर सकते हो?" टिंकू और मिंकू बोले-, "हम दोनों बहुत तेज दौड़ते हैं और हमारे कान भी बहुत तेज हैं। जब भी कोई संकट आयेगा, तब हम दौड़कर आपके पास आयेंगे और आपको बतायेंगे, ताकि आप जंगल-वासियों की मदद कर सकें ....।"
शेर को टिंकू और मिंकू की बात अच्छी लगी। उसने दोनों को मन्त्री बना दिया।
टिंकू और मिंकू मन्त्री के पद पर नियुक्त हो गए। दोनों अपने कर्तव्यों का बहुत अच्छे से पालन करने लगे।
एक बार टिंकू और मिंकू आराम से पेड़ के नीचे बैठ कर गाजर खा रहे थे। तभी दोनों को जंगल में कुछ आवाजें सुनाई दीं।
टिंकू और मिंकू आवाज सुनकर उस ओर भागे। वहाँ देखा कि कुछ लोग जंगल में घुसकर लकड़ियाँ काट रहे थे। उनके साथ बड़ी-बड़ी गाड़ियाँ भी थीं। वे सब आपस में बात कर रहे थे कि-, "आज यहाँ से कुछ जानवर भी पकड़कर ले जायेंगे और सर्कस वालों को बेच देंगे, जिससे हमें अच्छी रकम मिल जाएगी।" टिंकू और मिंकू के कान खड़े हो गये। वे दोनों दौड़कर शेर के पास गये और उसे सारी बात बताई। शेर ने जंगल के सारे जानवरों को बुलाया और जंगल को बचाने के लिए योजना बनायी। योजना के तहत सभी जानवरों ने एक साथ मिलकर उन लोगों पर हमला कर दिया। वे लोग बड़ी मुश्किल से अपनी-अपनी जान बचाकर भागे। सभी ने टिंकू और मिंकू की खूब प्रशंसा की।

#संस्कार_सन्देश - 
हमें किसी भी विपत्ति में सूझ-बूझ से काम लेना चाहिए और हमेशा एकता बनाकर रखनी चाहिए।

कहानीकार-
#रुखसार_परवीन (स०अ०)
संविलयन विद्यालय गजपतिपुर
बहराइच (उत्तर प्रदेश)

कहानी वाचन-
#नीलम_भदौरिया 
जनपद-फतेहपुर (उ०प्र०)

✏️संकलन
📝टीम #मिशन_शिक्षण_संवाद 
#दैनिक_नैतिक_प्रभात

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