29/2025, बाल कहानी- 20 फरवरी
बाल कहानी - शिक्षा का महत्व
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रामू का परिवार बहुत खुशहाल था। वह खेती-बाड़ी करके अपने परिवार का पालन-पोषण करता था। रामू के परिवार में उसकी पत्नी दो बच्चे और माता-पिता थे।
रामू के दोनों बच्चे रोशनी और अमन गॉंव के ही उच्च प्राथमिक विद्यालय में पढ़ते थे। रामू के दोनों बच्चे बहुत होशियार थे। वे मन लगाकर पढ़ाई करते थे। पर रामू चाहता था कि दोनों बच्चे अब पढ़ाई न करें और बेटी घर के कामकाज में और बेटा खेती-बाड़ी में हाथ बटाएँ। रामू दिन भर खेतों में कड़ी मेहनत करता था और जब फसल पककर तैयार हो जाती थी, उसको उचित दामों पर बाजार में बेच देता था। और जो पैसा आता था, उससे वह अपने परिवार का भरण-पोषण था। धीरे-धीरे समय बीत रहा था।
एक दिन की बात है, वह अपने खेतों पर काम करने गया और रोज की तरह वह एक थैली में अपना खाना बाँधकर ले गया। काम करते-करते उसे थकान महसूस हुई और वह वहीं पेड़ के नीचे खाना खाकर सो गया। तभी एक जहरीला साँप आया और रामू के थैले में घुस गया। काम समाप्त करके रामू ने थैला उठाया और घर के लिए चल दिया।
घर आकर उसने थैला रख दिया। रामू की पत्नी ने जब थैली में बर्तन निकालने के लिए हाथ डाला तो थैले में बैठे साँप ने झट से काट लिया।
रामू की पत्नी तुरन्त वहीं गिर गयी। यह देख रामू रोने लगा। उसकी आवाज सुनकर गाँव वाले एकत्रित हो गये। झाड़-फूँक वाले को बुलाया गया। रोशनी को शिक्षिका द्वारा पढ़ाया गया सबक याद था कि जहरीले साँप के काटने पर बिना देर किये अस्पताल जाना चाहिए। झाड़- फूँक के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए। रोशनी ने तुरन्त रामू को बताया कि, "अगर माँ को समय पर अस्पताल पहुँचाया जाए तो माँ ठीक हो सकती है। हमें मुसीबत के समय में घबराना नहीं चाहिए और हिम्मत से काम लेना चाहिए।" रोशनी की बात सुनकर रामू ने तुरन्त अपनी पत्नी को अस्पताल पहुँचाया, जहाँ उचित दवा और देख-भाल से उसकी पत्नी ठीक हो गई। डॉक्टर ने रामू से कहा, "यदि तुमने अपनी पत्नी को लाने में थोड़ी देर करदी होती तो तुम्हारी पत्नी की जान जा सकती थी।" अब रामू शिक्षा के महत्व को समझ चुका था। जीवन में शिक्षा कितनी जरूरी है! उसने अपने दोनों बच्चों से वादा किया कि, "वह उनके आगे की पढ़ाई जारी रखेगा।" साथ ही साथ सभी गाँव वालों ने यह प्रण किया कि, "अपने बच्चों को हर हाल में शिक्षा देंगे और उनकी पढ़ाई अधूरी नहीं छोड़ेंगे।"
#संस्कार_सन्देश -
हमें हर हाल में अपने बच्चों को पूरी शिक्षा देनी चाहिए। साथ ही कठिन परिस्थिति में हमें घबराना नहीं चाहिए।
कहानीकार-
#मृदुला_वर्मा (स०अ०)
प्रा० वि० अमरौधा प्रथम
अमरौधा (कानपुर देहात)
कहानी वाचन-
#नीलम_भदौरिया
जनपद- फतेहपुर (उ०प्र०)
✏️संकलन
📝टीम #मिशन_शिक्षण_संवाद
#दैनिक_नैतिक_प्रभात
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