अति पावन पर्व है आया

अति पावन पर्व है आया
नभ में ध्वज लहराया-2

15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों से
हमने थी आजादी पाई
अंबेडकर जैसे बुद्धिजीवी ने फिर
संविधान की रूपरेखा बनाई
2 वर्ष 11 माह 18 दिन में
सबसे बड़ा लिखित संविधान
बनाने में सफलता थी पाई
26 जनवरी 1950 को हमने
संविधान से नाता जोड़
गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया

अति पावन पर्व है आया
नभ में ध्वज लहराया-2

व्यर्थ नहीं जाने देंगे हम
वीरों के बलिदानों को
देशभक्ति तन-मन में भर
तैयार करेंगे नौनिहालों को
वैसे तो दिलों में प्रेम अटूट भरा
किसी से कोई बैर नहीं
आँख उठाई भारत माँ पर तो
शत्रु की फिर खैर नहीं
जनमानस की रग-रग में
देश प्रेम उमड़ाया

अति पावन पर्व है आया
नभ में ध्वज लहराया-2

हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई
आपस में सब भाई-भाई
भारत में यह रीति निभाई
विश्व में अपनी छवि बनाई
ईश्वर अल्लाह वाहेगुरु व ईश
सबके सम्मुख नभाते शीश
रखते सभी आपस में प्रीत
सौभाग्य हमारा भारत जैसी
पुण्य भूमि पर हमने जन्म पाया

अति पावन पर्व है आया
नभ में ध्वज लहराया-2

रचयिता
रीनू पाल,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय दिलावलपुर,
विकास खण्ड - देवमई,
जनपद-फतेहपुर।

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