प्रेरणा गीत

कुछ ईश्वरीय आदतें जो हममें फैली हैं,
 वही हमारी वास्तविक कार्यशैली हैं।1।

हमें तो बस ढूँढ ढूँढकर साफ करना है।
बेसिक शिक्षा की चादर जहाँ भी मैली है।2।

एक-एक प्रश्न को हल करते चलें तो,
कल न रहेगी सवालों की ये जो रैली है।3।

हम प्राथमिक शिक्षक बहुआयामी हैं,
हममें से कोई स्कीनर, कोहलर कोई मैकाईवैली है।4।

रूढ़ियों का होगा हल, जटिलताएँ होंगी सरल 
मिशन शिक्षण संवाद की विधाएँ जो फैली हैं।5।

सुचालक, कुचालक संग अर्धचालक भी हैं हम,
हम अपरिमित संभावनाओं की सिलिकॉन वैली हैं।6।

व्यवस्थाओं की दुर्दशा जाल में फँसे शिक्षक साथियों।
दम लगाकर साथ उड़ो, सामूहिक प्रयास ही जादू की थैली है।7।

रचयिता
विनोद कुमार,
प्रधानाध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय चककलूटी,
विकास खण्ड-ज्ञानपुर,
जनपद-भदोही। 

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