वीणावादिनी वर दे

वीणावादिनी वर दे! वर दे!
वीणावादिनी वर दे!
मन मंदिर को ज्ञान स्रोत- सम,
निश्चय ही भर दे।
वीणावादिनी वर दे! वर दे!

तम गहराया है, अब जग में
संशय की स्थिति हर मन में
कठिन दौर में, तू प्रकाश बन,
धवल हृदय कर दे।
वीणावादिनी वर दे! वर दे!

मानव का अस्तित्व है बिखरा,
हर युक्ति की पर न सुधरा,
जीवन के झंझावातों से,
तू बाहर कर दे।
वीणावादिनी वर दे! वर दे!

विश्व विजेता बन चमकें हम
आशावादी बने रहें हम,
इस संसार शिविर में हमको,
शांति दूत कर दे।
वीणावादिनी वर दे! वर दे!

नित नवीन आशा सा दीपक,
जलता रहूँ, बनूँ मनमोहक,
रहूँ सदा तेरा संवाहक,
ऐसा ही उत्तम वर दे।
वीणावादिनी वर दे! वर दे!

रचयिता
डॉ0 रंजना वर्मा "रैन",
प्राथमिक विद्यालय बूढ़ाडीह-1,
विकास खण्ड-भटहट, 
जनपद-गोरखपुर।

Comments

Total Pageviews