ऐसा हो अध्यापक

  एक अध्यापक में हों अध्यापन के गुण।
प्रभावकारी हो शिक्षक, प्रभावी हो शिक्षण।
अंग्रेजी और संस्कृत भाषा को जानो।
 जननी है भाषा की संस्कृत इसको मानो।
 परिवेश का हो कैसे संरक्षण ज्ञान बढ़ाओ।
कर विज्ञान में प्रयोग सीखो और सिखाओ।
 आओ सीखें क्या है आपदा प्रबंधन।
 जीवन कौशल से जग बन जाए मधुबन।
अच्छा हो गर विद्यालय का प्रबंधन।
गीत प्रशंसा के जाएगा तब हर जन।
 सहभागिता मिले समुदाय की विद्यालय में।
 श्रद्धा हो अगर अभिभावक की अध्यापक में।
 विद्यालय भी बदल जाए आनंदालय में।
अध्यापक भी काम करें जब छात्र हित में ।
  शत-प्रतिशत नामांकन भी हमें कराना है।
ड्रॉपआउट न रहे कोई ध्यान यह भी रखना है।
 पुनरावृत्ति न छात्रों की किसी कक्षा में होने पाए।
चाहें देना हो पश्च पोषण हर बच्चा आगे आए।
 गुणवत्ता को विद्यालय की आगे बढ़ाना है।
 कर शिक्षा का संवर्धन बच्चे- बच्चे को पढ़ाना है।
               
रचयिता
रीता सेमवाल,
राजकीय प्राथमिक विद्यालय नीलकंठ, 
विकास खण्ड-यमकेश्वर,
जनपद-पौड़ी गढ़वाल।

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