मकर संक्रांति

मकर राशि पर नवल सूर्य का हो गया है  प्रस्थान,
प्यारी प्यारी संक्रांति देखो लेकर आयी नव विहान।
मकर राशि पर नवल सूर्य का हो गया है प्रस्थान॥

कोई पुकारे पोंगल से तो कोई कहता संक्रांति,
आम आदमी खिचड़ी कहता पर है भारत एक महान।

मकर राशि पर नवल सूर्य का हो गया है प्रस्थान॥

खिल गये चेहरे महका जीवन नये गुड़ की मिठास से,
खुले व्योम में उड़ी पतंगें डोर का तज के बस ध्यान।

मकर राशि पर नवल सूर्य का हो गया है प्रस्थान॥

हुआ संचरित नव उत्साह चहुँओर छायी खुशहाली,
पाप धुलो और पुण्य समेटो भाईचारे का गाओ गान।

मकर राशि पर नवल सूर्य का हो गया है प्रस्थान॥

भारत का हर एक त्योहार कुछ मीठा  संदेशा लाता है,
तभी तो पूरे विश्व पटल में भारत की अपनी पहचान।

मकर राशि पर नवल सूर्य का हो गया है प्रस्थान॥

आओ ईश को शीश झुकाएँ खिचड़ी चावल दाल की खाएँ,
ऐसा माँगें हम वरदान बस जन जीवन का हो कल्याण।

मकर राशि पर नवल सूर्य का हो गया है प्रस्थान
प्यारी-प्यारी संक्रांति देखो लेकर आयी नव विहान


रचयिता 
गीता यादव,
प्रधानाध्यपिका,
प्राथमिक विद्यालय मुरारपुर,
विकास खण्ड-देवमई,
जनपद-फ़तेहपुर।

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