बापू को नमन

सत्य और अहिंसा
वह अस्त्र है

जो ध्वस्त करते हैं
उन इरादों को
जो देश मजबूत होने
से रोकते हैं

जो खोलते हैं
उन कपाटों को
जो आशाओं से
भरे होते हैं

जो दिखाते हैं
आजादी के रास्ते
जो बिना रक्तपात के
होते हैं

जो मजबूत चट्टानों
 से टकराना
सिखाते हैं

जो अपने पैरों पर
खड़ा होना
सिखाते हैं

जो अपने कर्त्तव्यों
को निभाना सिखाते हैं

रचयिता
प्रतिभा चौहान,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय गोपालपुर,
विकास खंड-डिलारी,
जनपद-मुरादाबाद।

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