सरस्वती वन्दना

हे हंसवाहिनी माँ, वरदान हमें दे दो।
विद्या और बुद्धि का दान हमें दे दो।।

संगीत की देवी तुम हर शब्द की हो दाता,
हर सुर की जननी हो हर राग की हो माता,
हे वीणा वादिनि माँ सुर-ज्ञान हमें दे दो,
विद्या और बुद्धि का दान हमें दे दो।

हम अज्ञानी हैं माँ हम पर भी कृपा कर दो,
मन खाली गागर है ज्ञानामृत से भर दो।
हे ज्ञानदायिनी माँ ज्ञान हमें दे दो।
विद्या और बुद्धि का दान हमें दे दो।।

हे हंस वाहिनी माँ वरदान हमें दे दो।
विद्या और बुद्धि का दान हमें दे दो।।

रचयिता
पीयूष त्रिवेदी,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय भैनामऊ,
विकास खण्ड-सुरसा,
जनपद-हरदोई।

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