पर्यावरण संरक्षण गीत

एतना तपता धरती अगवाॅ का होई
आवा मिल बचावा पर्यावरण सब कोई
हरा वृक्ष काटा नाहीं वृक्षवा लगावा
जीव-जन्तु मारा नाहीं ओनके बचावा
धरती बचल जब रही उपकार होई।
आवा मिल बचावा पर्यावरण सब कोई।
सागर क रक्षा करा तेल न गिरावा
टूट-फूट डाला नाहीं नदिया बचावा
तालाब में रही पानी सब खुशहाल होई।
आवा मिल बचावा पर्यावरण सब कोई।
पानी क प्रबंधन उचित जिनगी बचाई
वर्षा जल संचयन समृद्धि देइ जाई
गाड़ी-मोटर कम चलावा प्रदूषण धुअवाॅ से होई।
आवा मिल बचावा पर्यावरण सब कोई।
बाँटे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ई पैगाम हो
नाभिकीय प्रदूषण रोका तब बची जान हो
कूडा-कचरा निपटारा आधुनिक विधि से होई।
आवा मिल बचावा पर्यावरण सब कोई।
   
रचयिता
अरविन्द कुमार सिंह,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय धवकलगंज, 
विकास खण्ड-बड़ागाँव,
जनपद-वाराणसी।

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