जय श्री राम

राम नगरिया में जाऊँगी

राम नगरिया में जाऊँगी

राम जी के दर्शन पाऊँगी

 घी का दीपक जलाऊँगी

राम नगरिया में जाऊँगी

राम लला के दर्शन पाऊँगी

अयोध्या नगरी में जाऊँगी 

मीठे बेर मैं खिलाऊँगी।।

राम  नगरिया में जाऊँगी

गंगा जल से पैर धुलाऊँगी

अपनी बिगड़ी सँवारूँगी

राम नगरीय में जाऊँगी

राम जी की गद्दी सजाऊँगी

सिया राम को उस पे बिठाऊँगी

अपना जीवन सँवारूँगी

राम नगरिया में जाऊँगी

अयोध्या को सजाऊँगी

जय सिया राम जय सियाराम।।


रचयिता

माधुरी पौराणिक,
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय हस्तिनापुर,
विकास खण्ड-बड़ागाँव,
जनपद-झाँसी।



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