गणतंत्र दिवस
आजादी के दीवानों के,
तुमको गीत सुनाते है।
झूल गये फाँसी का फन्दा,
उनको शीश झुकाते हैं।
आजादी के दीवानों -------------------
भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु,
फाँसी का फन्दा चूमे थे।
आजादी का क़र्ज़ चुकाने,
लहू से वतन को सींचे थे।
आजादी के दीवानों --------------------
झाँसी की रानी की,
अमर कहानी तुम्हें सुनाते हैं।
वतन पर मिटी झलकारी,
शौर्य तुम्हें बतलाते हैं।
आजादी के दीवानों के--------------------
इन्कलाब का नारा देकर,
लगाई जिन्होंने बोलियाँ।
प्राण किये न्योछावर अपने,
खायीं सीने पर गोलियाँ।
आजादी के दीवानों के -------------------------
दीप देश के वीरों की,
अमर रहेंगी सदा बोलियाँ।
जब तक अम्बर चाँद रहे,
सजती रहें रंगोलियाँ।
आजादी के दीवानों के -----------------------
रचनाकार
दीपमाला शाक्य दीप,
शिक्षामित्र,
प्राथमिक विद्यालय कल्यानपुर,
विकास खण्ड-छिबरामऊ,
जनपद-कन्नौज।
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