राम
राम!
केवल भगवान नहीं हैं।
राम भारतीयता के पर्याय हैं
राम नैतिकता के आधार हैं
राम मूल्यों का सार हैं
राम को समझना
आसान नहीं है।
राम आस हैं,
आस्था हैं,
विश्वास हैं।
राम हैं कण-कण में
श्रद्धावान की हर धड़कन में।
राम के बिना हमारी
जातीयता में प्राण नहीं है।
राम!
केवल भगवान नहीं हैं।
राम शबरी और अहिल्या
के तारणहार हैं।
राम युगों का इंतजार हैं।
राम पूजा हैं, तपस्या हैं
जग के पालनहार हैं।
राम साहित्य और जीवन के
आदर्श हैं।
राम के बिना ये धरा
ऊर्जावान नहीं है।
राम!
केवल भगवान नहीं हैं।
राम उत्साह हैं
उल्लास हैं
पर्व हैं
विकास हैं
राम निष्ठा हैं
प्रतिष्ठा हैं
राम के बिना ये धरा
धनवान नहीं है।
राम!
केवल भगवान नहीं हैं।
रचयिता
डॉ0 निशा मौर्या,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय मीरजहांपुर,
विकास खण्ड-कौड़िहार-1,
जनपद-प्रयागराज।
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