उत्सव खुशहाली का सब आज मनाओ रे
उत्सव खुशहाली का, सब आज मनाओ रे।
जन-जन भारत के, सब मिलकर गाओ रे।।
स्वाधीन हैं हम सभी स्वाधीन हैं।
स्वाधीन हैं हम सभी स्वाधीन हैं।
बड़ी कठिनता से हमने पाई आजादी है।
अमर शहीदों की सौंपी हमको ये थाती है।।
उनकी याद में जगमग, दीप जलाओ रे।
जन-जन भारत के ....................
भारत देश के वासी हम सब, भारत की संतानें।
कर्मभूमि और जन्मभूमि को अपना सब कुछ मानें।।
कदम से कदम मिलाकर खुशियाँ बरसाओ रे।
जन-जन भारत के..................
युगों-युगों की अमृतवाणी, गीता, बाइबिल प्यारी।
गुरुग्रंथ साहिब, कुरान की शिक्षा सचमुच न्यारी।।
देश की उन्नति में बन साधक मान बढ़ाओ रे।
जन-जन भारत के....................
निडर रहें हम बनें स्वावलंबी ऐसा कर जाओ।
विश्व पटल पर गूँजे भारत ऐसी चाह दिखाओ।।
लहर तिरंगा कहे सदा ही सब मुस्काओ रे।
जन-जन भारत के.....................
रचयिता
अरविन्द कुमार सिंह,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय धवकलगंज,
विकास खण्ड-बड़ागाँव,
जनपद-वाराणसी।
Comments
Post a Comment