बिपिन रावत जी
आज नम हो गई हैं सबकी आँखें
और मन भी हो हुआ निहाल।
सबकी आँखों से ओझल हो गया
वो भारत माता का लाल।।
देश प्रेम था मन में उनके
और व्यक्तित्व निराला था।
अपनी अगुवाई में उन्होंने सेना को
बुलंदियों तक पहुँचा डाला था।।
भारत के वह सच्चे देशभक्त और
प्रखर राष्ट्रवादी सेना अधिकारी थे।
भारत माता के वीर सपूत और
भारतीय सेना के उत्कृष्ट अधिकारी थे।
बिपिन रावत जी का सरल स्वभाव
ओजपूर्ण वाणी अनुकरणीय है।
उनकी असमय मृत्यु सभी भारतीयों
के लिए एक अपूरणीय क्षति है।।
उनकी और उनकी पत्नी एवं अन्य
सैन्य अधिारियों की मृत्यु पर हम सभी
भारतीय एक जुट होकर उनको
शत शत नमन करते हैं।
रचनाकार
मृदुला वर्मा,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय अमरौधा प्रथम,
विकास खण्ड-अमरौधा,
जनपद-कानपुर देहात।
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