अंतरराष्ट्रीय प्रवासी दिवस
सभी चाहें अपना प्यारा सा घर,
जहाँ रह सकें निर्भीक और निडर।
पर सभी नहीं होते सपने को जीने वाले,
कुछ रह ही जाते हैं सोचते अपना घर।।
18 दिसंबर को मनाते अंतरराष्ट्रीय प्रवासी दिवस,
1990 से प्रचलन में आया था यह दिवस।
प्रवासी श्रमिकों के अधिकारों का संरक्षण,
परिवार के सदस्यों की सुरक्षा का दिवस।।
प्रवासियों की आवाज को अब हमें सुनना है,
107 देशों में सामाजिक एकता को चुनना है।
अनुभवों को साझा करने पर था विचार,
जानकारी का प्रचार-प्रसार भी करना है।।
सभी को समुचित न्याय का है अधिकार,
उनको ना हो हीन भावना, ऐसा करें विचार।
वैश्विक कार्यवाही इसीलिए की गई,
योगदान प्रवासियों के पहचानने पर हो विचार।।
प्रवासी होना इच्छा का नहीं है प्रतीक,
धनार्जन के लिए दूसरे देश में बसने का प्रतीक।
मजबूरी में उठता है ये एक कदम बंधु,
मानव की गतिशीलता की क्षमता का लाभ उठाना थीम है बंधु।।
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