सीमा सुरक्षा बल
सीमा सुरक्षा बल का दिवस आया रे।
नन्हें मुन्ने बच्चों का मन अति हर्षाया रे।।
देश की खातिर घर परिवार छोड़ चले।
अपने मुन्ना मुन्नी से मुख मोड़ चले।।
धीर धरो कहकर मन समझाया रे।
नन्हें-मुन्ने बच्चों...............
सर्दी गर्मी वर्षा की मार हम सहेंगे।
कर्तव्य पथ पर बढ़े कदम न पीछे हटेंगे।।
अपने तन मन को फौलाद बनाया रे।
नन्हें-मुन्ने बच्चों...............
होली दीवाली रक्षाबंधन सीमा पर मनाएँगे।
देश के हर घर में खुशियों के दीप जलाएँगे।।
सीमा सुरक्षा बल ने देश को कुटुंब माना रे।
नन्हें-मुन्ने बच्चों............
लहू का कतरा-कतरा रक्षक अब बहा देंगे।
दुश्मन के सीने पर तिरंगे का परचम लहराएँगे।।
तन मन देश की रक्षा में लगाया रे।
नन्हें-मुन्ने बच्चों............
देश के बच्चों को सुरक्षा बल का महत्व बताया।
नमन करें सीमा सुरक्षा बल ने सर्वस्व लुटाया।।
इनके बलिदानों से स्वयं को सुरक्षित पाया रे।
नन्हें-मुन्ने बच्चों............
रचयिता
गीता देवी,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय मल्हौसी,
विकास खण्ड- बिधूना,
जनपद- औरैया।
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