राष्ट्रीय किसान दिवस
रीढ़ की हड्डी हैं किसान देश के,
अन्नदाता हैं किसान अपने देश के।
जीवन का आधार हैं यह किसान,
सचमुच हमारे भगवान हैं किसान।।
बिन अन्न न आए शरीर में जान,
शरीर है हमारी शान और आन।
भोजन के बिना जीवन नहीं संभव,
किसान हैं हमारे देश की शान।।
चौधरी चरण का जन्मदिन है चुना,
इसी दिन राष्ट्रीय किसान दिवस मना।
तत्कालीन प्रधानमंत्री, किसानों के जनप्रिय नेता,
सीधा सादा जीवन था उन्होंने चुना।।
23 दिसंबर प्रतिवर्ष राष्ट्रीय किसान दिवस मनाएँ,
किसानों की समस्याएँ सुनें और सुनाएँ।
बेहतर जीवन के लिए हो एक नई शुरुआत,
कई नीतियों की फिर योजना बताएँ।।
कार्यक्रमों, वाद- विवाद संगोष्ठियों से जागरूकता लाएँ,
चर्चाओं कार्यशालाओं से कार्य सफल बनाएँ।
उनके लिए हर पहलू को हमें समझना है,
उनके श्रम का प्रतिफल उनको अवश्य दिलाएँ।।
बहुत सुंदर सराहनीय
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