डॉक्टर अंबेडकर
अछूतों के लिए सदा था सामाजिक भेदभाव,
कहीं नहीं दिखता था समता का भाव।
उत्थान के लिए संघर्ष किए डॉक्टर अंबेडकर,
संविधान के शिल्पकार का था समान भाव।।
विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और थे समाज सुधारक,
श्रमिकों, किसानों, महिलाओं के अधिकारों के समर्थक।
स्वतंत्र भारत के प्रथम विधि, न्याय मंत्री पद पर थे आसीन,
गणराज्य के निर्माताओं में प्रमुख थे सुधारक।।
जातिवाद को समाप्त करने में जीवन था समर्पित,
दलितों के मसीहा थे काम के प्रति समर्पित।
बौद्ध गुरु अनुयायी उनको मानते थे,
प्रभावी और सदाचारी भलाई में जीवन था अर्पित।।
65 वीं पुण्यतिथि आज हम सभी मना रहे,
इसे ही महापरिनिर्वाण दिवस सब मान रहे।
बौद्ध अवधारणा में परिनिर्वाण शब्द किया प्रयोग,
प्रतिमा के सामने श्रद्धांजलि सभी दे रहे।।
6 दिसंबर 1956 को जग से किनारा कर गए,
मरणोपरांत 1990 में भारत रत्न सुशोभित किए।
बहुमूल्य और उल्लेखनीय था इनका योगदान,
समानता पर आधारित समाज के मार्गदर्शक बन गए।।
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