सब पढ़ें ! सब बढ़ें !!
करो मेहनत से तुम सब पढ़ाई बबुआ ,
नाहीं जीवन होई आगे दुखदायी बबुआ ।
पढ़ लिख लेबौ तौ ज्ञान बढ़ जाई ,
चाहे जहाँ रहीबो सम्मान बढ़ जाई ।
होई शिक्षा से सबकै भलाई बबुआ ,
नाहीं जीवन होई आगे दुखदायी बबुआ ।
माता पिता गुरू क कहना मानो ,
अपना भला इसी में जानो ।
नाहीं मनबो तो होई जग हंसाई बबुआ ,
होई शिक्षा से सबकै भलाई बबुआ ।
करो मेहनत से तुम सब पढाई बबुआ ,
नाहीं जीवन होई आगे दुखदायी बबुआ ।
स्कूल समय से रोज़ तुम जाओ ,
मात- पिता - गुरु शीश नवाओ
हर काम समय से करना सीखो
सुन्दर अक्षर लिखना सीखो ।।
नाहीं लिखबौ तौ राइटिंग गडबड़ाई बबुआ ,
होई शिक्षा से सबकै भलाई बबुआ ।
सदाचार कै नियम सीखो ,
मेहनत से खूब पढ़ो-लिखो ।
सदा अनुशासन में रहना है अच्छाई बबुआ ,
नाहीं जीवन होई आगे दुखदायी बबुआ ।
करो मेहनत से तुम सब पढाई बबुआ ,
होई शिक्षा से सबकै भलाई बबुआ ।
" जी०पी ०आनन्द " कै मानव कहनवा ,
झूठ ,बेईमानी ,चोरी छोड़ो ,सब बहनवा ।
छोड़ो नशा ,मदिरा ,सगरौ बुराई बबुआ ,
नाहीं जीवन होई आगे दुखदायी बबुआ ।
लियौ उन्नत कै रहिया अपनाई बबुआ ,
होई शिक्षा से सबकै भलाई बबुआ ।
रचयिता
गया प्रसाद आनन्द,
(आनन्द गोण्डवी ),
स०अ०( चित्रकार व कवि ),
बुद्ध उ०मा०वि० करनीपुर वजीरगंज,
जनपद -गोण्डा।
स्वर दूत -9910960170
9838744002
बहुत बहुत आभार ..साधुवाद !
ReplyDeleteमेरे इस चेतना गीत को *विचारशक्ति * में स्थान देने के लिये