शिक्षा की तस्वीर बदलनी चाहिए

शिक्षा की तस्वीर बदलनी चाहिए
गुरुओं की तकदीर बदलनी चाहिए ।

जंग छिड़ी है अंधियारों से ,
जंग लगी शमशीर बदलनी चाहिए।

मजहब की आग बहुत जले हम,
अब और जला न जाएगा
जाति धर्म भेद भाव से हमको
और ठगा न जाएगा ।

दबी पड़ी जो चिंगारी है
अब आग जलनी चाहिए

कर्तव्य बोध जो हो गया हमे तो ,
अधिकार यूँ ही मिल जाएगा

बेबस बने हुए हैं जिसके आगे
 ओ हमसे बेबस हो जाएगा

मस्तों उठो झूम के ,
अब नई राह निकलनी चाहिए
शिक्षा की तस्वीर बदलनी चाहिए ।

रचयिता
रवीन्द्र भास्कर (प्र०अ०),
पूर्व मा० विद्यालय भगासा,
सुइथाकलां, जौनपुर 

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