अपना प्यारा उत्तर प्रदेश
अपना प्यारा उत्तर प्रदेश
सभी से न्यारा उत्तर प्रदेश
गंगा यमुना का अद्भुत,
संगम है जिसके पास।
उर्वर भूमि स्वर सौरव,
जन्मे यहाँ तुलसीदास।
सुषमा से रचित प्रदेश।
सभी से न्यारा उत्तर प्रदेश
पुरुषोत्तम रघुवर वाली,
यही अयोध्या है नगरी।
मुरली वाले मनमोहन की,
बरसाने की है डगरी।
वृंदावन की कुंज गलिन में,
छलकी अमृत की गगरी।
अपना प्यारा उत्तरप्रदेश,
सभी से न्यारा उत्तरप्रदेश।
लक्ष्मीबाई भी अपने,
उत्तर प्रदेश की ही वासी।
जन्म स्थली है बिठूर,
और कर्म स्थली है झांसी।
जहां ज्ञान विज्ञान कला का ,
लिखा गया इतिहास।
सबको है अपने में समेटे,
उत्तर प्रदेश है खास।
अपना प्यारा उत्तर प्रदेश,
सभी से न्यारा उत्तर प्रदेश।
है जो देवों की नगरी ,
वह बसी यहीं पर काशी।
सिद्ध पुरुष और ज्ञानी-ध्यानी,
सभी यहाँ के वासी।।
गंगा का पावन तट,
हमको देता यह संदेश।
अपना प्यारा उत्तर प्रदेश,
सभी से न्यारा उत्तर प्रदेश।।
इसी प्रदेश का ही हिस्सा है,
चित्रकूट का धाम।
विपदा के निस्तारण हित,
यहाँ बसे श्री राम।।
तुलसी, सूर, कबीर और रसखान, यहाँ के वासी।
जिनकी रचना कविताएँ, जनमानस की विश्वासी।।
गौरव गाथा की विषय वस्तु ,
है अभी बहुत ही शेष ।
अपना प्यारा उत्तर प्रदेश,
सभी से न्यारा उत्तर प्रदेश।।
रचयिता
नीलम भदौरिया,
प्रधानाध्यापिका,
प्राथमिक विद्यालय पहरवापुर,
विकास खण्ड-मलवां,
जनपद-फतेहपुर।
सभी से न्यारा उत्तर प्रदेश
गंगा यमुना का अद्भुत,
संगम है जिसके पास।
उर्वर भूमि स्वर सौरव,
जन्मे यहाँ तुलसीदास।
सुषमा से रचित प्रदेश।
सभी से न्यारा उत्तर प्रदेश
पुरुषोत्तम रघुवर वाली,
यही अयोध्या है नगरी।
मुरली वाले मनमोहन की,
बरसाने की है डगरी।
वृंदावन की कुंज गलिन में,
छलकी अमृत की गगरी।
अपना प्यारा उत्तरप्रदेश,
सभी से न्यारा उत्तरप्रदेश।
लक्ष्मीबाई भी अपने,
उत्तर प्रदेश की ही वासी।
जन्म स्थली है बिठूर,
और कर्म स्थली है झांसी।
जहां ज्ञान विज्ञान कला का ,
लिखा गया इतिहास।
सबको है अपने में समेटे,
उत्तर प्रदेश है खास।
अपना प्यारा उत्तर प्रदेश,
सभी से न्यारा उत्तर प्रदेश।
है जो देवों की नगरी ,
वह बसी यहीं पर काशी।
सिद्ध पुरुष और ज्ञानी-ध्यानी,
सभी यहाँ के वासी।।
गंगा का पावन तट,
हमको देता यह संदेश।
अपना प्यारा उत्तर प्रदेश,
सभी से न्यारा उत्तर प्रदेश।।
इसी प्रदेश का ही हिस्सा है,
चित्रकूट का धाम।
विपदा के निस्तारण हित,
यहाँ बसे श्री राम।।
तुलसी, सूर, कबीर और रसखान, यहाँ के वासी।
जिनकी रचना कविताएँ, जनमानस की विश्वासी।।
गौरव गाथा की विषय वस्तु ,
है अभी बहुत ही शेष ।
अपना प्यारा उत्तर प्रदेश,
सभी से न्यारा उत्तर प्रदेश।।
रचयिता
नीलम भदौरिया,
प्रधानाध्यापिका,
प्राथमिक विद्यालय पहरवापुर,
विकास खण्ड-मलवां,
जनपद-फतेहपुर।
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