देश है मेरा कितना सुन्दर

देश है मेरा कितना सुन्दर
देश है मेरा कितना सुन्दर

इसी में बसते हैं
केरल, कर्नाटक और
हिमालय पर्वत
मिट्टी इसकी देती  'सोना'
पशु भी पूजा के क़बिल
पूजे जाते हैं पत्थर
नदियाँ मिल प्रयाग बनातीं
है सबका यह  'मानसरोवर'

देश है मेरा कितना सुन्दर
देश है मेरा कितना सुन्दर

देवों की धरती यह  'पावन'
अनेक राज्यों का यहाँ 'संगम'
तरह-तरह  का  पहनावा है
भाषाएं भी हैं यहॉ  'अनुपम'
मान-सम्मान का है यह द्योतक
सभी  धर्म  हैं  इसके  भीतर

देश है मेरा कितना सुन्दर
देश है मेरा कितना सुन्दर....!!

रचयिता
ममता जयंत, 
सहायक अध्यापिका, 
प्राथमिक विद्यालय चौड़ा सहादतपुरा, 
विकास खण्ड-बिसरख, 
जनपद-गौतमबुद्धनगर।

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