१८३-आलोक शुक्ला उ प्रा वि कवलसिया,बस्ती

मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से एक ऐसे अनमोल रत्न से करा रहे हैं। जिन्होंने कभी किसी पद या अधिकारों का इंतजार न करते हुए अपने कर्तव्य को प्रमुखता देकर अपने विद्यालय और अपने कार्य को प्रेरक बना दिया।

माना कि बेसिक शिक्षा में अंधकार की अधिकता है लेकिन ऐसे अनमोल रत्नों की भी कमी नहीं है जो भले ही दीपक के भाँति जल रहे हों लेकिन उजाला अवश्य कर रहे हैं। यदि यह अनमोल रत्न रूपी दीपक संगठित रूप से एक साथ जलना शुरू कर दें, तो हमें नहीं लगता है कि बेसिक शिक्षा में अंधकार अपने छिपने के लिए कोई स्थान खोज पायेगा।

ऐसे ही बेसिक शिक्षा में प्रकाश की एक किरण के समान चमकते हुए एक अनमोल रत्न है आलोक शुक्ला जनपद- बस्ती से। आइये देखते है आपके प्रेरक प्रयास:-

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नाम - आलोक शुक्ल
पद - कला एवं शिल्प शिक्षक
विद्यालय - उच्च प्राथमिक विद्यालय कवलसिया
विकास खण्ड-गौर
जनपद-बस्ती।

मेरी बात —
चार वर्ष पूर्व जब मेरी नियुक्ति उच्च प्राथमिक विद्यालय कवलसिया में हुई थी तब यह विद्यालय निम्न शैक्षणिक स्तर तथा अनुशासन हीनता के दौर से गुजर रहा था।
विद्यालय के शैक्षिक गुणवत्ता की अपनी कोई विशेष पहचान नहीं थी। परिवेश शिक्षण हेतु प्रतिकूल था और विद्यालय परिवार नयेपन को अपनाने को तैयार नहीं था। किसी भी सुधारात्मक कदम और नवाचार पर अवांछित टिप्पणियों और विरोध के अतिरिक्त कोई सहयोग नहीं मिलता था। फिर भी मैंने हार नहीं मानी।

सत्र 2013-14 में पहली बार मैंने विद्यालय पर शिक्षक दिवस का भव्य आयोजन बिना किसी सहयोग के किया। समारोह सफल रहा और मैं तत्कालीन प्रधानाध्यापक जवाहर लाल जी को प्रभावित करने में सफल रहा। परन्तु फिर भी सभी साथी अध्यापकों को अपना साथी बनाने में और विद्यालय का परिवेश आदर्श नहीं, पर उपयुक्त बनाने में 3 सत्र लग गए और आज पूरे जिले में गौर ब्लाक के उच्च प्राथमिक विद्यालय कवलसिया की कला और संस्कृति के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान है।

बतौर अनुदेशक विद्यालय परिवेश में सुधार के लिए किए गये प्रयास: —
👉1-प्रातःकालीन सभा में प्रार्थना व सायंकालीन सभा में सस्वर राष्ट्रीय गीत का नियमित गायन व समय सारणी के अनुरूप कक्षाओं का संचालन के साथ शनिवार को पूरे दिन रचनात्मक एवं मनोरंजनपरक कक्षाओं का संचालन।
👉2- प्रार्थना सभा में प्रतिदिन व्यक्तिगत परिचय व सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी की अनिवार्यता।
👉3- बाल संसद व मीना मंच के गठन कर छात्रों को विभिन्न दायित्वों के निर्वहन का गुण विकसित करने के साथ पंक्तिबद्ध बैठकर भोजन मन्त्र के साथ मध्यान्ह भोजन ग्रहण करने की अनिवार्यता व नियमित रूप से पाक्षिक विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठक का आयोजन।
👉4- व्यक्तिगत लैपटॉप से शिक्षण-प्रशिक्षण।
👉5- छात्रों को सुव्यवस्थित एवं अनुशासित करने के लिए प्रभारी प्रधानाध्यापिका को प्रेरित कर उनके सहयोग से उन्हें बैच, बेल्ट व आई-कार्ड का वितरण।
👉6- नामांकन बढ़ाने के लिए रंगीन पम्पलेट बाटने के साथ-साथ छात्रों द्वारा घरेलू रंगों में रंगें बालू से बने पोस्टर के साथ आस पास के गांवों में निश्चित समयान्तराल पर जनसंपर्क रैली का आयोजन।
👉7- प्रभारी प्रधानाध्यापिका को प्रेरित कर कार्यालय कक्ष के साथ मुख्य भवन का आकर्षक रंग रोगन।
👉8-सभी कक्षाओं में छात्रों से बनवाकर पोस्टर व स्वयं डिजाइन कर आकर्षक एवं पाठ्यक्रम के अनुरूप फ्लैक्स लगाए गए।
👉9- उपस्थित बढ़ाने के लिए नियमित व सर्वाधिक उपस्थिति वाले छात्र-छात्राओं को जनप्रतिनिधियों व अभिभावकों द्वारा स्वयं का डिजाइन किए खण्ड शिक्षाअधिकारी द्वारा हस्ताक्षरित प्रमाणपत्रों का समारोह के साथ वितरण।
👉12- अंग्रेजी व गणित की अतिरिक्त कक्षाओं का संचालन व वार्षिक कला मेला, विज्ञान प्रदर्शनी के आयोजन के साथ ही प्रदेश स्तर तक आयोजित होने वाले कार्यक्रमों-प्रतियोगिताओं में छात्रों के साथ नियमित प्रतिभाग।
👉13- प्रबंधन समिति की सहायता से प्रधान द्वारा विद्यालय परिसर का समतलीकरण व प्रधानाध्यापक का सहयोग कर स्टेज का निर्माण।
👉14- हर त्यौहार और पर्व से सम्बंधित समारोहों में कम खर्चीले और अनुपयोगी वस्तुओं जैसे — बालू, सूखी पत्तियां, आमन्त्रण पत्र, पुराने अखबार, पम्पलेट आदि से उपयोगी शिल्प निर्मित कराए जाते हैं।
👉15- साक्षरता, स्वच्छता, पोलियो उन्मूलन, मतदाता जागरूकता, वृक्षारोपण आदि हेतु गांव में रैलियाँ निकाली गईं।

     इन सभी गतिविधियों का संचालन प्रभारी प्रधानाध्यापिका के वैचारिक और आर्थिक सहयोग से सुचारू रूप से हो रहा है।

         *उपलब्धियाँ*
        ______________
👉1-फरवरी 2014 में विद्यालय पर प्रथम बार छात्रों द्वारा बांस, सरकंडे और सुतली से बनाए हुए आकर्षक गुलदानों व बालू पेंटिंग के प्रदर्शन हेतु कला मेले का आयोजन हुआ, जिला स्काउट मास्टर ने पुरस्कृत किया।
👉2- मार्च 2015 में ब्लाक व जिला स्तर पर बच्चों द्वारा उत्कृष्ट कलात्मक व सांस्कृतिक प्रदर्शन के खण्ड शिक्षाअधिकारी व विधायक द्वारा पुरस्कृत व सम्मानित किया गया।
👉3- मार्च 2016 में गैर सरकारी संगठन द्वारा लखनऊ में आयोजित प्रदेश स्तरीय कार्यशाला में उत्कृष्ट कलात्मक शिक्षण व हस्तशिल्प निर्माण के लिए सम्मानित किया गया।
👉4- फरवरी 2017 में सूरजकुण्ड, दिल्ली में आयोजित अन्तरराष्ट्रीय शिल्प कला में प्रदेश से एक मात्र परिषदीय विद्यालय के रूप में प्रतिभाग करने का अवसर मिला व भारत के सबसे बड़े पब्लिशिंग हाऊस, दिल्ली प्रकाशन ने उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया।
👉5- मार्च 2017 में तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारी व जिलाधिकारी महोदय, बस्ती ने उत्कृष्ट कलात्मक शिक्षण के लिए पुरस्कृत किया अपने आवास पर कला शिक्षण के लिए आमंत्रित किया।
👉6- मई 2017 में तत्कालीन मुख्य विकास अधिकारी महोदया ने मेरे कलात्मक शिक्षण को सराहा व अपने प्रोजेक्ट का आर्ट डायरेक्टर बनाया।
👉7- अगस्त 2017 में ब्लाक स्तरीय अन्त्योदय मेले एवं प्रदर्शनी में बेहतरीन हस्तशिल्प प्रदर्शन के लिए ब्लाॅक प्रमुख व वी०डी०ओ० महोदय ने प्रशस्ति पत्र व नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया।
👉8- दिसम्बर 2017 में राज्य स्तरीय हस्तशिल्प प्रदर्शनी में पर्यटन एवं महिला व बाल कल्याण कैबिनेट मन्त्री श्रीमती रीता बहुगुणा जोशी जी, बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती अनुपमा जायसवाल जी सहित अन्य राज्य स्तरीय मन्त्रियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने मेरे कलात्मक शिक्षण को सराहा व केन्द्रीय सचिव मानव संसाधन विकास मंत्रालय श्री अनिल स्वरूप जी सम्मानित किया।
👉9- सभी प्रमुख समाचार-पत्रों व पत्रिकाओं में मेरे कलात्मक शिक्षण के क्रियाकलापों की प्रशंसा समय-समय पर प्रकाशित होती रही है।
👉10- मेरे मार्गदर्शन में बने हस्तशिल्प विभिन्न मंत्रीगणों, प्रशासनिक एवं विभागीय अधिकारियों के रूचि एवं प्रशंसा के पात्र रहे हैं।
साभार:-
आलोक शुक्ल
कला एवं शिल्प शिक्षक
उच्च प्राथमिक विद्यालय कवलसिया
विकास खण्ड-गौर
जनपद-बस्ती।

बहुत- बहुत धन्यवाद आलोक जी

मिशन शिक्षण संवाद की ओर से आपको हार्दिक शुभकामनाएं!

मित्रों आपने देखा कि किस तरह एक शिक्षक ने प्रमाणित कर दिया कि आपकी सकारात्मक सोच और समर्पण शून्य से सौ बनाने में कामयाब हो सकती है।

👉 मित्रों आप भी यदि बेसिक शिक्षा के सम्मानित शिक्षक हैं या शिक्षा को मनुष्य जीवन के लिए महत्वपूर्ण और शिक्षा का प्रचार-प्रसार करना अपना कर्तव्य मानते है तो इस मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से शिक्षा के उत्थान एवं शिक्षक के सम्मान की रक्षा के लिए आपस में हाथ से हाथ मिला कर, मिशन शिक्षण संवाद के अभियान को सफल बनाने के लिए इसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने में सहयोगी बनकर, शिक्षक धर्म का पालन करें। हमें विश्वास है कि अगर आप सब अनमोल रत्न शिक्षक साथी हाथ से हाथ मिलाकर संगठित रूप से आगे बढ़े तो निश्चित ही बेसिक शिक्षा से नकारात्मकता की अंधेरी रात का अन्त होकर रोशनी की नयी किरण के साथ नया सवेरा अवश्य आयेगा। इसलिए--

👫 आओ हम सब हाथ मिलायें।
      बेसिक शिक्षा का मान बढ़ायें।।

👉🏼 नोटः- यदि आप या आपके आसपास कोई बेसिक शिक्षा का शिक्षक साथी प्रेरक कार्य कर शिक्षा एवं शिक्षक को सम्मानित स्थान दिलाने में सहयोग कर रहा है तो बिना किसी संकोच के अपने विद्यालय की उपलब्धियों और गतिविधियों को हम तक पहुँचाने में सहयोग करें। आपकी ये उपलब्धियाँ और गतिविधियाँ हजारों शिक्षकों के लिए नयी ऊर्जा और प्रेरणा का काम करेंगी। इसलिए बेसिक शिक्षा को सम्मानित स्थान दिलाने के लिए हम सब मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जुड़कर एक दूसरे से सीखें और सिखायें। बेसिक शिक्षा की नकारात्मकता को दूर भगायें।

उपलब्धियों का विवरण, ऑडियो, वीडियो और फोटो भेजने का  Whatsapp No.- 9458278429 एवं ईमेल- shikshansamvad@gmail.com है।

साभार: मिशन शिक्षण संवाद उ० प्र०

निवेदन:- मिशन शिक्षण संवाद की समस्त गतिविधियाँ निःशुल्क, स्वैच्छिक एवं स्वयंसेवी हैं। जहाँ हम आप सब मिलकर शिक्षा के उत्थान और शिक्षक के सम्मान के लिए प्रयास कर रहे हैं। इसलिए यदि कहीं कोई लोभ- लालच या पद प्रतिष्ठा की बात कर, अपना व्यापारिक हित साधने की कोशिश कर रहा हो, तो उससे सावधान रह कर टीम मिशन शिक्षण संवाद को मिशन के नम्बर-9458278429 पर अवश्य अवगत करा कर सहयोग करें।
 
धन्यवाद अनमोल रत्न शिक्षक साथियों🙏🙏🙏
विमल कुमार
कानपुर देहात
15/01/2018

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