१८७- महेन्द्र प्रताप सिंह, PS नाहिली प्रथम, घिरोर, मैनपुरी
मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद- मैनपुरी सेे बेसिक शिक्षा में परिवर्तन और विश्वास के प्रतीक, अनमोल रत्न आदर्श युवा शिक्षक साथी भाई महेंद्र प्रताप सिंह प्रधानाध्यापक प्राथमिक विद्यालय नाहिली प्रथम ब्लाक-घिरोर जनपद-मैनपुरी से करा रहे हैं। जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच से हम सबके लिए प्रेरक विद्यालय बना कर तैयार कर दिया। जिसके प्रमाण के लिए अंत में दिए गए फोटो के रूप में देख सकते हैं।
तो आइये जानते हैं भाई महेंद्र प्रताप सिंह के सूक्ष्म, किन्तु परिणामी प्रयासों को:--
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नाम - महेंद्र प्रताप सिंह
पद - प्रधानाध्यपक
विद्यालय - प्राथमिक विद्यालय नाहिली प्रथम , विकास खंड घिरोर , मैनपुरी
नियुक्ति तिथि - 05.07.2016 को उक्त विद्यालय पर उक्त पद पर कार्यभार ग्रहण किया ।।
उक्त विद्यालय को पदोन्नति से पूर्व देखने गए तो उसकी भौतिक परिवेश देख के , वहां की नामांकित संख्या देख के वहां जाने का मन न हुआ फिर मन आया अब इसी विद्यालय को सही करना है इस गांव के लोगो की सोच बेसिक के प्रति बदलनी है , तो पदोन्नति में उक्त विद्यालय का नाम दिया और आसानी से मिल गया, एक कारण इस विद्यालय पर और था आये दिन पत्नी से विलम्ब से विद्यालय पहुचने के कारण लड़ाई होती थी जो की इसी गांव के दूसरे विद्यालय पर कार्यरत थी और लगा कि आस-पास होने से हम दोनों विद्यालय की स्थिति सुधार देंगे और लोगों की सोच भी, आये दिन लड़ाई से भी बचेंगे, समय से विद्यालय पहुंचेंगे।।
नियुक्ति के बाद वहां के सभी अभिलेख सुधारे व् मेंटेन किये । अध्यनरत बच्चों के अभिभावकों से मिले जो बच्चा न आया उसके घर जा पहुँचे कारन जानने को। अपने विद्यालय पर कार्यरत सभी शिक्षामित्रों को समझाया और टीम भावना जागृत की। mdm की स्थिति स्वादिष्ठ की। और सभी ने मिलकर स्कूल के विकास के लिए नीति बनाई और उनसे बोला अच्छा करना है पैसा जो खर्च हो आप चिंता न करें हम देख लेंगे।। गांव के लोग जो मिस्त्री इत्यादि थे उनसे सहयोग लिया। कई दिनों तक तो अज्ञात व्यक्ति मेरे विद्यालय में लैट्रिन कर जाता था, फिर उसमें गांव वालों का सहयोग लिया, FIR कराने की धमकी दी और पकड़े जाने पर खुद पीटने और गांव वालों से पिटवाने की धमकी दी, तब ये प्रकरण 15 दिन में बंद हुआ। पौधे लगाने शुरू किया बच्चों की टीम बनाई और धीरे धीरे करके बच्चों से मिलकर परिवेश सुधारना शुरू किया , पोलियो या अन्य ड्यूटी पर बच्चों को बुलाकर पढ़ाना शुरू किया और परिवेश सुधार भी शुरू किया। पास लगे समुदाय केंद को अपने कब्जे में लिया जहाँ बाल सभा, mdm खिलाने और खेल-खेल में शिक्षा का कार्य प्रारंभ किया।
उसके बाद खुद व् खुद छात्र संख्या बढ़ने लगी और उपस्थति सुधर गई , पहले 74 के सापेक्ष 20 या 25 थी । नामांकन 84 हो गया और उपस्थिति 70 से 80 के बीच रहने लगी और आगामी सत्र में पहले से नामांकन की बुकिंग होने लगी। 30 मार्च 2017 को ही नामांकन प्रारम्भ हो गए और सत्र 2017- 18 में कक्षा 1 में 40 ,कक्षा 2 में 20 , कक्षा 3 में 20 कक्षा 4 में 3 और कक्षा 5 में 2 नवीन नामांकन हुए, सत्र 2017- 2018 में 85 नवीन नामांकन हुए । साथ ही भौतिक परिवेश सुधार के लिए प्रधान पर व्यक्तिगत तरीके से विभागीय तरीके से दबाब बनाना प्रारम्भ किया और उच्चाधिकारियों को प्रार्थना पत्र लिखने प्रारम्भ किये।
जिसका आज ये परिणाम सार्थक आये की भौतिक परिवेश छात्र संख्या और अन्य कार्यो में बहुत सुधार हुआ। साथ ही मेरा विद्यालय अपने ब्लॉक में अच्छे विद्यालयों में गिना जाने लगा। 85 नवीन नामांकन में से 45 नामांकन प्राइवेट स्कूल से छोड़ कर आये बच्चों के हुए। आज गांव के सभी अभिभावक हम अध्यापकों से खुश है।
मेरे इन सभी कार्यों में परिसर के दूसरे उच्च विद्यालय में कार्यरत श्री राजेश कुमार सर का भरपूर सहयोग रहा, जिससे मैंने उनके विद्यालय का भौतिक परिवेश भी सुधारा , चूंकि वो मुझ से वरिष्ठ है अतः उनकी हर कार्य में सलाह और सहयोग लेता हूँ , मैं प्राइमरी का हेड अवश्य हूँ पर देखा जाए तो मुझे मेरे हेड वो नज़र आते है। हमारे परिसर के दोनों विद्यालय में प्रतिदिन 225 से ऊपर उपस्थिति रहती है, किसी में भी अपना पराया भाव नही, हम उनको वो हमें भरपूर सहयोग करते है जिससे हमारे दोनों विद्यालयों ने गांव की सोच बदलने में कामयाब हुए है और अभी बहुत कुछ करना बाकी है। हमें हमारे राजवाना के हेड सर इशरत सर से बहुत कुछ सीखने को मिला , और मिलता रहता है जिनका प्रयोग हम अपने विद्यालय में करते रहते है ।।
मिशन शिक्षण संवाद परिवार की ओर से भाई महेंद्र प्रताप सिंह एवं सहयोगी विद्यालय परिवार को उज्जवल भविष्य की कामनाओं के साथ बहुत-बहुत शुभकामनाएं!
👉 मित्रों आप भी यदि बेसिक शिक्षा विभाग के सम्मानित शिक्षक हैं या शिक्षा को मनुष्य जीवन के लिए महत्वपूर्ण और अपना कर्तव्य मानते है तो इस मिशन संवाद के माध्यम से शिक्षा एवं शिक्षक के हित और सम्मान की रक्षा के लिए हाथ से हाथ मिला कर अभियान को सफल बनाने के लिए इसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने में सहयोगी बनें और शिक्षक धर्म का पालन करें। हमें विश्वास है कि अगर आप लोग हाथ से हाथ मिलाकर संगठित रूप से आगे बढ़े तो निश्चित ही बेसिक शिक्षा से नकारात्मकता की अंधेरी रात का अन्त होकर रोशनी की नयी किरण के साथ नया सवेरा अवश्य आयेगा। इसलिए--
👫 _आओ हम सब हाथ मिलायें।_
_बेसिक शिक्षा का मान बढ़ायें।।_
👉🏼 नोटः- यदि आप या आपके आसपास कोई बेसिक शिक्षा का शिक्षक अच्छे कार्य कर शिक्षा एवं शिक्षक को सम्मानित स्थान दिलाने में सहयोग कर रहा है तो बिना किसी संकोच के अपने विद्यालय की उपलब्धियों और गतिविधियों को हम तक पहुँचाने में सहयोग करें।
☀ आपकी ये उपलब्धियाँ और गतिविधियाँ हजारों शिक्षकों के लिए नयी ऊर्जा और प्रेरणा का काम करेंगी। इसलिए बेसिक शिक्षा को सम्मानित स्थान दिलाने के लिए हम सब मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जुड़कर एक दूसरे से सीखें और सिखायें। बेसिक शिक्षा की नकारात्मकता को दूर भगायें।
_उपलब्धियों का विवरण और फोटो भेजने का Whatsapp No.- 9458278429 ईमेल- shikshansamvad@gmail.com है।_
साभार: मिशन शिक्षण संवाद
*विमल कुमार*
_कानपुर देहात_
24-01-2018
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