सोने की चिड़िया
नन्हें-मुन्हें बच्चे हैं हम,
नहीं किसी से कम।
हम भी आगे आयेंगे,
दिखाने अपना दम।
पढ़ -लिख कर हम आगे बढ़ेंगे,
करेंगे ऐसे काम।
सारे जग में रौशन होगा,
हिंदुस्तान का नाम।
आसमाँ झुकायेंगे,
धरती पर स्वर्ग लायेंगे।
नई सोच और नई उमंगें,
मन में हम जगायेंगे।
शिक्षा है अनमोल रतन,
सबको यही बताना है।
नया सवेरा नया उजाला,
इस धरती पर लाना है।
लवकुश, ध्रुव, प्रहलाद बनकर,
घर-घर अलख जगायेंगे,
ऋषियों, मुनियों की धरती को,
फिर से स्वर्ग बनायेंगे।
हर एक बच्चा शिक्षित होगा,
काम करेगा बढ़िया-बढ़िया।
बन जायेगा अपना भारत,
फिर से सोने की चिड़िया।
रचयिता
आरती साहू,
सहायक अध्यापक,
प्रा0 वि0 मटिहनियाँ चौधरी,
विकास खण्ड-सदर,
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