कलाम को सलाम

आज है पावन जन्मदिवस,

एक भारत रत्न महान का।

भारत माता के सपूत जो,

नाम अब्दुल कलाम जिनका।।


तमिलनाडु के रामेश्वरम में,

जन्मे थे श्री अब्दुल कलाम।

उन्नीस सौ इकतीस सन् में,

पन्द्रह अक्टूबर तिथि ललाम।।


धनुषकोडी था गाँव वो पावन,

मध्यम मुस्लिम परिवार में आये।

पिता जैनुलाबदीन थे इनके,

माँ अशिअम्मा के लाल कहाये।।


सन् उन्नीस सौ नवासी में,

अग्नि मिसाइल थी बनायी।

तभी मिसाइल मैन उपाधि,

थी श्री कलाम ने पायी।।


अति निर्धन परिवार में जन्मे,

फिर भी ना हिम्मत थे हारे।

आर्थिक तंगी से लड़कर ये,

बने परिवार के पालनहारे।।


सपनों की नव परिभाषा थी,

हम सबको तुमने बतलायी।

नींद में देखो जो सपने, झूठे हैं, 

जो सोने न दे वह सपना सच्चाई।।


जुलाई पच्चीस दो हजार दो सन् में,

कलाम जी राष्ट्रपति पद राजे।

पद्म विभूषण, पद्म भूषण,

और भारत रत्न से गये नवाजे।।


इन्दिरा गांधी, वीर सावरकर,

आदि पुरस्कार भी पाये,

पृथ्वी, त्रिशूल, आकाश, नाग,

इन मिसाइलों को आप बनाये।।


विंग्स आफ फायर, मिशन इण्डिया,

ये थीं पुस्तकें लिखी महान।

एक धर्म मानवता मानते,

आपकी जीविका सरल सुजान।।


सन् दो हजार पन्द्रह सत्ताईस जुलाई,

सेमिनार में देते हुए व्याख्यान।

अन्तिम साँस ली जहाँ कलाम ने,

हृदयाघात से, वह स्थान शिलांग।।


युगों-युगों तक रहेगी अमर,

आपकी गौरवमयी कहानी।

आज झुकाते सिर श्रद्धा से,

जो थे सच्चे हिन्दुस्तानी।।


तुम जैसे युगपुरुष धरा पर,

आते हैं सदियों के बाद।

हे कलाम! है नमन आपको,

श्रद्धा पूर्वक करते याद।।


रचयिता

शिखा वर्मा,

इं०प्र०अ०,

उच्च प्राथमिक विद्यालय स्योढ़ा,

विकास क्षेत्र-बिसवाँ,

जनपद-सीतापुर।



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