बाबुल

स्कूल पढ़ने को जाऊँगी,

मोहे रोको ना बाबुल।

मान तेरा बढ़ाऊँगी,

मोहे रोको ना बाबुल।


भैया का तुमने नाम लिखाया,

क्यों समझा मुझे तुमने पराया?

जग में नाम कमाऊँगी,

मोहे रोको ना बाबुल।

स्कूल पढ़ने को.......


बस्ता ला दो, कॉपी ला दो,

स्कूल ड्रेस भी हमको सिला दो।

शीश तुझको झुकाऊँगी,

मोहे रोको ना बाबुल।

स्कूल पढ़ने को.......


सपने पूरे कर दो हमरे,

हाथ मैं जोड़ूँ बाबुल तुम्हरे।

बोझ सारे उठाऊंगी,

मोहे रोको ना बाबुल।

स्कूल पढ़ने को.......


रचनाकार
सपना,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय उजीतीपुर,
विकास खण्ड-भाग्यनगर,
जनपद-औरैया।



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