विश्व डाक दिवस

डाक सेवाओं की जन-जन के बीच है बहुत उपयोगिता,

डाक सेवाओं के प्रति ग्राहकों में फैलानी है जागरूकता।

यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन की तरफ से मनाया जाता है,

डाकघरों और ग्राहकों के बीच में सामंजस्य बिठाया जाता है।


पहले डाक सेवा थी ऐसी सेवा व्यक्ति-व्यक्ति से था जुड़ा,

अब मोबाइल सेवा के आगे डाक सेवा फीका-सा है पडा़।

जो प्यार चिट्ठियों से पाकर एक दूसरे को मिलता था,

आज डाक दिवस पुराने दिनों की याद दिलाता है।


पहले टिकट लगा लिफाफा लाल डिब्बा में डाला जाता था,

दूर से जब डाकिया आता उम्मीद मन में जगाता था।

ऐसा लगता था कि शायद कोई खत भी हो उस पर मेरा,

जाने कहाँ से आई हो चिट्ठी, बड़ा उतावला मन रहता था मेरा।


रचयिता

शालिनी,

सहायक अध्यापक,

प्राथमिक विद्यालय बनी, 

विकास खण्ड-अलीगंज,

जनपद-एटा।

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