शुभ धनतेरस

 समुद्र मंथन की कथा 

अद्भुत बड़ी पुरातन है|

 चौदह रत्नों के प्राकट्य का

 प्रसंग बड़ा मनभावन है|

 चौदहवें रत्न के रूप में

 साक्षात प्रभु धन्वंतरि प्रकटे थे|

अमृत कलश हाथ में लिए

 देव चिकित्सक लगते थे|

 स्वास्थ्य निरोग और संतोष का 

वरदान सभी को देते हैं|

 रजत चंद्र सी शीतलता

 धारण करने को कहते हैं|

धनतेरस पर हम सब मिलकर 

स्वास्थ्य कामना करते हैं|

जन-जन सुखी स्वस्थ हो हरदम

 चरणों में वंदन करते हैं|


रचयिता

भारती खत्री,

सहायक अध्यापक,

उच्च प्राथमिक विद्यालय फतेहपुर मकरंदपुर,

विकास खण्ड-सिकंदराबाद,

जनपद-बुलंदशहर।



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