चली है बहना बन संवरकर

रिश्तों का त्यौहार है देखो
भाई बहन का प्यार है देखो

अक्षत, राखी, रोली लेकर
संग में मिठाईयाँ अनेक लेकर
भाई की यादों को लेकर
चली है बहना बन संवरकर।

मन में खुशियाँ अपार लेकर
बाँटने चली है प्यार लेकर
स्नेह से भरी राखियाँ लेकर
चली है बहना बन संवरकर।

खुशियों से भरा पैगाम लेकर
दुआओं से भरा सलाम लेकर
बहनों का ये त्यौहार लेकर
चली है बहना बन संवरकर।

राखी का सम्मान लेकर
भाई से वचन हजार लेकर
उम्मीदों का संसार लेकर
चली है बहना बन संवरकर।

"सभी भाई बहनों को मेरी तरफ से रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएँ"

रचयिता
वंदना प्रसाद,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय कैली,
विकास खण्ड-चहनियां,
जनपद-चंदौली(उत्तर प्रदेश )

Comments

Total Pageviews