हम हैं बच्चे

हम हैं बच्चे,मन के सच्चे
दिल के हैं अच्छे।।
कोई डराए हम नहीं डरते
हमसे रहना बचके।।।

कोई मुसीबत जो आ जाए,
कभी न हम घबराते।।
पल भर में ही हर उलझन को
पार हम कर जाते।।।

हम हैं बच्चे मन के सच्चे........

हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई ,
सब में बाँटें प्यार।
बिना प्यार के इस जीवन में,
सब कुछ है बेकार।।

हम हैं बच्चे मन के सच्चे......

छाया हो जब घोर अँधेरा,
आशा का दीप जला दें।
मन के बिखरे तारों से हम
सरगम नई सजा दें।।

हम हैं बच्चे मन के सच्चे........

रचयिता
मनीषा पाल,
प्रधानाध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय नरसिंहपुर कछुआ,
विकास खण्ड-कड़ा, 
जनपद-कौशाम्बी।

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