हाउस होल्ड सर्वे और छोटू

मैं सिर्फ़ नाम को घर हूँ,काम का ठिकाना नहीं,
मैं आउट ऑफ स्कूल हूँ, आपने पहचाना नहीं।

मैं ढाबों,दुकानों,खेत,ईंट भट्टे आदि पे मिलता हूँ,
लगता है जानकर भी आपने,मुझको जाना नहीं।

पढ़ने की समझ आयी तो, काम पर लगा दिया,
मेहनत के अलावा, मेरे पास कोई खजाना नहीं।

बालगणना में, मेरा झूठा नामांकन न दिखाओ,
मैं इस यूपी की हकीकत हूँ, कोई फ़साना नहीं।

छलक पड़ेंगे मेरी आँखों से, दर्द बन खारे आँसू,
मुझसे आप इतनी ज्यादा हमदर्दी जताना नहीं।

न कभी मैंने शिक्षा को समझा, न शिक्षा ने मुझे,
सच में, मेरे पिता ने शिक्षा का महत्व जाना नही।

मेरे छोटे बहन भाईयों को, स्कूल जरूर भेजना,
माता-पिता को,इसके सिवा कुछ समझाना नहीं।

मुझे आप छोटू,रामू, राजू कुछ भी कह सकते हैं,
कृपा कर किसी बच्चे को,ऐसे नाम दिलाना नहीं।

रचयिता
प्रदीप कुमार,
सहायक अध्यापक,
जूनियर हाईस्कूल बलिया-बहापुर,
विकास खण्ड-ठाकुरद्वारा,
जनपद-मुरादाबाद।

विज्ञान सह-समन्वयक,
विकास खण्ड-ठाकुरद्वारा।

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