मेरा प्यारा तिरंगा

आन  तिरंगा,  मान  तिरंगा,
यह है  मेरी  जान  तिरंगा।
विजय  विश्व  दिलवाने  वाला,
सबका मन  हर्षाने  वाला।
यह है मेरी शान तिरंगा, यह है मेरी शान तिरंगा।

तीन  रंगों  का  प्यारा  झंडा,
सबके  मन को  भाता  है।
केसरिया, सफेद  हरा  है,
हर  रंगों  में  एक  भाव  भरा है।
देशभक्ति  का  भाव  जगाने  वाला,
यह है मेरी शान तिरंगा, यह है मेरी शान तिरंगा।

त्याग  भावना  का  पाठ  पढाता,
शान्ति  का  मार्ग  दिखाता।
हरित क्रांति  को  लाने  वाला,
नभ मंडल पर छाने वाला।
यह है मेरी शान तिरंगा, यह है मेरी शान तिरंगा।

अशोक  चक्र  भेदभाव  मिटाता,
एकता  का  ज्ञान  कराता।
जाति - पाँति धर्म  मिटाने  वाला,
 जन - जन  में  प्रेम  बढ़ाने  वाला।
यह है मेरी शान तिरंगा, यह है मेरी शान तिरंगा।

तिरंगे की शान के खातिर,
कितने  वीरों ने प्राण गँवाये।
उनकी गौरव का मान बढ़ाने  वाला,
उनको सम्मान दिलाने वाला।
यह है मेरी शान तिरंगा, यह है मेरी शान तिरंगा।

बाँध तिरंगे  को  सिर पर,
जब वीर युद्ध में लड़ते हैं ।
मातृभूमि की रक्षा के खातिर,
प्राण  न्यौछावर  करते हैं।
जीवन के  उस  अन्तिम  क्षण में,
वीरों  के  तन से  लिपटने  वाला।
यह है मेरी शान तिरंगा, यह है मेरी शान तिरंगा।
"जय हिंद जय भारत"
                             
रचयिता
बिधु सिंह, 
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय गढी़ चौखण्ड़ी, 
विकास खण्ड-बिसरख,               
जनपद-गौतमबुद्धनगर।

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