आजादी के मतवाले

"आजादी के मतवाले हँसकर फंदे पर झूल गये,
बोलो उन वीर सपूतों को हम सब कैसे भूल गये।
मंगल पांडेय ने देखो आजादी का बिगुल बजाया था,
टोली संग अपनी अंग्रेजों को खूब मजा चखाया था।
रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिये,
अपनी तलवार से जाने कितने दुश्मन मिटा दिये।

आजादी की परिभाषा चंद्रशेखर आजाद सिखा गये,
अल्फ्रेड पार्क मे न जाने वह कितनी लाशें बिछा गये।
ऊधमसिंह सबको स्वाभिमान से रहना सिखा गये,
जलियाँवाले का ले बदला डायर को मजा चखा गये।

सुभाष चन्द्र बोस शान से 'जय हिंद'का नारा लगा गये,
सम्पूर्ण विश्व को सेना का अनुशासन व महत्व सिखा गये।
भगत सिंह,सुखदेव,राजगुरु के भी अंदाज निराले थे,
ये सब वीर सपूत भारत की आजादी के सच्चे दीवाने थे।

अशफाक खाँ, राजनरायन मिश्र आजादी की राह दिखा गये,
कर आहुत अपने प्राण वो भी शान से तिरंगा फहरा गये ।
मोहम्मद इकबाल इस देश की शान से शौर्य गाथा गा गये,
'सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा' ये सबको बता गये।

ये देश प्रणाम उन वीर सपूतों को आज भी प्रतिपल करता है,
जो आजादी दिला गये उनको नमन "अभिषेक" यह करता है।

रचयिता
अभिषेक शुक्ला,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय लदपुरा,
विकास क्षेत्र-अमरिया,
जिला-पीलीभीत।
मो.न.9450375290

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