माँ शारदे

ज्ञान दे वरदान दे

माँ वागीश्वरी सम्मान दे।

हो सदा जीवन सफल

ये बुद्धि का वरदान दे।


माँ शारदे  सम्मान दे..


मन में ये संकल्प हो

परमार्थ हो, निः स्वार्थ हो।

धर्म हो, सदभाव हो

विजय हो कल्याण हो।


माँ शारदे...


देश का उत्थान हो

उत्कर्ष हो, अभिमान हो

प्रहरी बनूँ, प्रेरक बनूँ

देश की सेवक बनूँ।


माँ शारदे....


पुण्य का प्रारब्ध हो

सत्कर्म का आरंभ हो।

चेतना में ईश हो

वंदना में गीत हो।


माँ शारदे....


जीवन सकल परमार्थ हो

पूरन सभी संकल्प हो

तू मन को ये सद्ज्ञान दे

माँ शारदे वरदान दे।


माँ शारदे वरदान दे

माँ शारदे वरदान दे।


रचयिता

मंजरी सिंह,

प्रधानाध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय उमरी गनेशपुर,
विकास खण्ड-रामपुर मथुरा,
जनपद-सीतापुर।

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