स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर
छोड़ गईं हमें आज लता जी,
स्वर लहरी अपनी फैलाकर।
इतने अनूठे, इतने अनोखे,
इतने सुंदर गाने गाकर।।
28 सितम्बर, 1929 में,
जन्म हुआ इन्दौर शहर में।
फिल्मों में गाना शुरू किया,
13 वर्ष की छोटी उमर में।।
हजारों गीत इन्होंने गाए,
कोयल सी सुरमयी आवाज़।
कितने पुरस्कार इन्होंने पाए
पहना स्वर साम्राज्ञी का ताज।।
सरल, सहज, मृदुभाषी थी वो,
जिन पर देश था गौरवान्वित।
भारत कोकिला कहकर पुकारा,
भारत रत्न से थी सम्मानित।।
संगीत की थी वो शान,
माँ सरस्वती का वरदान।
युगों-युगों तक न भूलेगा,
पूरा भारत आपका नाम।।
अर्पित करते आज आपको,
अश्रुपूरित श्रद्धा सुमन।
अमर रहेगा नाम आपका,
शत-शत करते तुम्हें नमन।।
रचयिता
हेमलता गुप्ता,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय मुकंदपुर,
विकास खण्ड-लोधा,
जनपद-अलीगढ़।
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