चंद्रशेखर आजाद

भारत भूमि पर, आजाद जन्म लेकर,

अग्रसर रहे स्वतंत्रता की मशाल लेकर।


भारत माँ की, आजादी का बीड़ा उठाया,

आजादी की अलख, युवाओं में जगाया।।


आजाद सोच-विचार, नाम  था आजाद जिनका,

जिला अलीराजपुर म०प्र०, भांवरा गाँव था उनका।


पिता श्री पंडित सीताराम जी के वह पुत्र,

जन्मे माता जगदानी जी के गर्भ से सुपुत्र।


वह 'शेर-ए-हिंदुस्तान' थे कहलाये, 

भारती के उद्घोष कर, कोड़े खाये। 


बचपन में ही सीखी, उन्होंने निशानेबाजी,

अहिंसा ना भाया, गर्म खून के वह साथी।


क्रांति के ललकार को, उन्होंने आवाज लगायी, 

अल्फ्रेड पार्क, इलाहाबाद में, मीटिंग थी बुलायी।


कुछ कायर  मुखबिरों ने, दिया था उनको धोखा,

मौत को गले लगाया, अंग्रेजी को मिला न मौका।


केसरिया कफन में, 27 फरवरी1931 को बलिदान हुए,

आजादी के हवन कुण्ड में, अपने प्राणों का वे दान दिये।


शत्-शत्  नमन तुझे, चन्द्रशेखर "आजाद"

भारत का  जन-जन है, ऋणी  तेरा आज।


रचयिता
वन्दना यादव "गज़ल"
अभिनव प्रा० वि० चन्दवक,
विकास खण्ड-डोभी, 
जनपद-जौनपुर।

Comments

Total Pageviews